राईट न्यूज / शिमला
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से उत्तराखंड के केदारनाथ में आई आपदा के तर्ज पर ही आर्थिक सहायता मांगी है। सीएम ने शुक्रवार देर शाम राज्य सचिवालय में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में हुए नुकसान का आकलन करने आए आठ सदस्यीय केंद्रीय दल के साथ बैठक की। सीएम ने अवगत करवाया कि प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है, इसे देखते हुए केंद्र को हिमाचल की उदारता से मदद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केंद्र से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है। प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अंतरिम राहत के लिए केंद्र को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित ज्ञापन दिया जाएगा।
सोमवार को गृह मंत्रालय को सौंपी जाएगी नुकसान की रिपोर्ट
प्रदेश में 586 घर ढह गए हैं। 5,030 क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1,500 गोशालाएं ध्वस्त हुई हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपये तक जा सकता है। शनिवार को केंद्रीय टीम दिल्ली लौटेगी। सोमवार को गृह मंत्रालय को नुकसान की रिपोर्ट सौंपी जानी है।