राईट न्यूज / हिमाचल
ब्यास नदी की बाढ़ ने कई लोगों के आशियाने छीन लिए। विपदा की इस घड़ी में फंसे लोगों की मदद के लिए कई हाथ उठे। फंसे पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर गुरुद्वारा कमेटी मंडी द्वारा मानवता की मिसाल पेश की गई, लेकिन कुछ लोग आपदा में भी अवसर बनाने से पीछे नहीं हट रहे। खाने-पीने की वस्तुओं को कई गुना अधिक दाम पर बेचा जा रहा है। एक परांठे के 140 रुपये, 10 रुपये की मैगी के 70 रुपये वसूले जा रहे हैं।
शिकायतें मिलने पर जब पहचान न बताकर एसडीएम ने एक जगह चाय पी तो दुकानदार ने एसडीएम से भी 50 रुपये वसूल लिए। खाद्य पदार्थों को महंगा बेचने की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर ट्रोल होने से मनाली की छवि भी दागदार हो गई है। प्रशासन ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। ऐसे मामले में चेतावनी दी गई। 9 और 10 जुलाई को आई बाढ़ में लोगों ने बहुत कुछ खोया। प्रशासन के साथ कई समाजसेवी आगे आए, लेकिन अधिक दाम वसूलने से कुछ लोगों ने देवभूमि की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
दुकानदारों को दी गई चेतावनी
मनाली शहर में एक दुकानदार ने एक परांठे का 140 रुपये का बिल बना दिया। मामला एसडीएम तक पहुंचा। इसके बाद पुलिस को मौके पर भेजकर दुकानदार को चेतावनी दी गई। इतना ही नहीं, एसडीएम सड़क खुलवाने के लिए खुद मौके पर गए। एक ढाबे में चाय पीने बैठे तो दुकानदार ने एक चाय के 50 रुपये मांग लिए। हालांकि अधिकारी के परिचय देने के बाद दुकानदार ने टालमटोल कर चाय बड़े गिलास में देने और साथ में बिस्कुट देने की बात कही। इसे भी चेतावनी दी गई।
टेंट लगाने के ही ले लिए 500 रुपये
मंडी निवासी रमाकांत ने बताया कि वह मनाली में फंसे हुए थे। घर से अपना टेंट और खाना बनाने का सामान लेकर गए थे। जहां वह टेंट लगा रहे थे उनसे एक रात के ही 500 रुपये ले लिए। बाद में उन्हें पता चला कि जहां टेंट लगाया है, वह सरकारी भूमि है। एक कटोरी दही के 120 रुपये भी उनसे वसूले।
मनमानी पर होगी कार्रवाई
एसडीएम मनाली रमन कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह के बहुत कम मामले सामने आए हैं। उन्हें चेतावनी दी गई है। 50 की चाय और 140 का परांठा देने वाले को भी सख्त चेतावनी दी गई। मनमानी करने वालों पर कार्रवाई होगी। 70 रू की मैगी वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिस से प्रदेश का नाम खराब हुआ है।