राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश हाईकोर्ट ने पच्छाद तहसील में बनी नारग-वासनी सड़क के लिए भूमि मालिकों को मुआवजे का हकदार ठहराया है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने प्रभावित भूमि मालिकों को छह महीने में मुआवजा अदा करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार ने मुआवजे की मांग देरी से करने पर भू अधिग्रहण से इनकार कर दिया था। खानगोग गांव वासियों की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि 25 वर्ष पूर्व सरकार ने पच्छाद तहसील में बनी नारग-वासनी सड़क के लिए उनकी भूमि इस्तेमाल की। अन्य भूमि मालिकों को वर्ष 2009 में मुआवजा दे दिया गया और वर्ष 2014 में इसे बढ़ा भी दिया।
सरकार ने याचिकाकर्ताओं का दावा खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने मुआवजे के लिए 25 वर्षों की देर कर दी। अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन के बाद अपने निर्णय में कहा कि किसी भी नागरिक को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। सरकार का इस तरह का कार्य भारतीय संविधान के प्रावधानों के विपरीत है। देरी से मुआवजे के लिए किए गए आवेदन किए जाने पर उनके हक को नकारा नहीं जा सकता। अदालत ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ताओं की जमीन का कानून के अनुसार अधिग्रहण करे और उन्हें मुआवजा अदा करें।