चुनाव और तरह तरह के नेता

चुनाव और तरह तरह के नेता

हमारे क्षेत्र में कई तरह के नेता एक वो जो सिर्फ चुनावी मौसम में बाहर आते हैं टिकट के लिए दोड़ तक सीमित है चुनाव समाप्त होते ही साढ़े चार साल साल के लिए गायब हो जाते हैं। उसके बाद फिर चुनावी मौसम का इंतजार करते हैं। आप कभी उन्हे जनता के बीच नही पाओगे सिर्फ चुनावी साल में बरसाती मेंढक की तरह आते हैं।

ऐसे नेता वो जिन के पास पैसा है बड़े बड़े उद्योग क्रेशर मॉल हैं। साढ़े चार साल देहरादून चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में दिन रात गुजारते हैं विदेशों के ट्रिप में व्यस्त रहते हैं इनके बच्चे भी पैसे के घमंड में लोगों से बदतमीजी करते हैं पार्टी के बड़े नेताओं को भी पता है कि यदि इस व्यक्ति को टिकट दे दी तो इसकी जमानत जप्त हो जाएगी उनका काम है मीडिया को खरीदना और अपना प्रचार करवाना चुनाव से 6 महीने पहले उठते हैं बस फिर कही चीफ गेस्ट बन कर जाते है मोहले गांव के टूर्नामेंट में, 8–10 झुगियो मे राशन देते हुए फोटो क्लिक करवाते हुए न्यूज़ चिपकवा देते है। जनता के लिए क्या करेंगे क्या नही करेंगे उनके पास ऐसा कोई नीति नही बस पैसे के दम पर टिकट की दौड़ में लगे रहते हैं। पैसा कमाना ही उनका मकसद होता है। पेडमीडिया दुवारा तरह तरह की अफवाएं फैलाते है अपने पैसे के दम पर पार्टी को फंड देने के बहाने बड़े लीडर से मिलते हुए फोटो क्लिक करवाते हैं मीडिया को भेज देते है मीडिया उस फोटो को ही सनसनी बना कर पेश कर देता है एक जब की उन मैं सचाई सिर्फ 1–2% होती है।

कुछ ऐसे नेता जो जिनके लिए राजनीति सिर्फ एक शोक है जनता की सेवा क्षेत्र के विकास के लिए क्या करना है उनकी ऐसी कोई सोच नही है बस अपने रुतबे के लिए सिर्फ कुर्सी हत्याना ही मकसद है। और पैसा कमाना और अपने साथियों को ठेकेदारी दिलवानी ट्रांसफर्स के लिए लोगो से पैर दबवाना ताकि अपनी चोहदराट दिखा सके।

आखिर में आते हैं वो नेता जो जनता के बीच रहते है उन्हे जब मर्जी आप बुला ले वो आप के साथ खड़े हैं आप के हर सुख दुख मे साथ रहते है। लेकिन उनके पास मीडिया को देने के लिए पैसा नही है इस लिए वे पीछे है। टिकट भी पार्टी आज कल पैसे वालो को देती है या फिर कैंडिडेट की बिरादरी को देख कर इस लिए सेवा करने की सोच रखने वाले वो नेता वहा भी पीछे रह जाते है।

जनता को सोचना होगा हमारे अस्पताल में डॉक्टर्स क्यू नही है अस्पताल में हर वो सुविधा क्यू नही है जो चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों मे है। नॉर्मल डिलीवरी केस भी रेफर कर दिए जाते है। क्या सिर्फ हमारा अस्पताल मलम पटी करने और पुलिस केस मे मेडिकल चेकप के लिए है। हमारे बच्चे आख़िर क्यू छोटे छोटे कोर्स के लिए बाहर के राज्यों मे धके खाते हैं। अपने इलाके मे बहुत सी कंपनी है लेकिन जॉब्स के लिए नोएडा गुरुग्राम, बैंगलोर जाना पड़ता है। हा कुछ बड़े संस्थान आए भी है। एनएच का भी काफी सुधार हुआ है पानी की समस्या भी हल हो रही है। और भी बहुत से विकास कार्य हुए हैं जिस को नकारा नहीं जा सकता आखिर हम वोट देते क्यू है क्षेत्र के विकास के लिए जन सेवक चुनते हैं ना की जनता पर राज करने के लिए

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