आखिर क्यो नही सुन रहे मंत्री जी दुकान दारो की फरियाद: पांवटा साहिब

आखिर क्यो नही सुन रहे मंत्री जी दुकान दारो की फरियाद: पांवटा साहिब

राईट न्यूज / पांवटा साहिब

प्रदेश के ऐतिहासिक पांवटा साहिब गुरुद्वारे के भवन को एक नया रूप दिया जा रहा है। इसके लिए पुराने स्ट्रक्चर को गिरा कर नया निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसी मकसद से गुरुद्वारा प्रबंधन ने करीब 20 दुकानदारों को दुकानें खाली करने को कहा है लिखित में भी दिया है कि उन्हें नयी इमारत के बनते ही 24 से 30 महीने के बीच नई दुकानें उपलब्ध करवा दी जाएंगी।

ऐसे में 20 परिवारों का रोजगार अस्थाई तौर पर छिन गया है। करीब 1 महीने से ये परिवार सूबे के ऊर्जा मंत्री सुखराम चोधरी व नगर परिषद से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें गुरुद्वारा के समीप नगर पालिका ग्राउंड या पार्किंग में अस्थाई स्ट्रक्चर उपलब्ध करवा दिया जाए। इसका निर्माण भी वो खुद ही करेंगे। साथ ही नगर परिषद को किराया भी अदा करेंगे।

सवाल ये उठता है कि सत्तासीन राजनीतिक दल के अलावा स्थानीय प्रशासन को अल्प संख्यक समुदाय की मांग को पूरा करने में क्या दिक्कत है। रोजगार छिनने वाले दुकानदारों ने राईट न्यूज हिमाचल से बातचीत में कहा कि वो करीब 50 साल से गुरुद्धारे के बाहर धार्मिक सामग्री को बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं। अचानक ही रोजगार चले जाने से कई दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। रोजी-रोटी तो छीन ही रही हैं, बच्चे पढ़ाई भी कर रहे हैं उनकी फीस की भी टेंशन है।

उन्होंने कहा कि जब तिब्बती समुदाय के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा रेस्ट हाऊस के पीछे अस्थाई दुकानें आबंटित की हैं तो वो तो इस देश के ही बाशिंदे हैं। उनके साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

उधर, प्रबंधन कमेटी गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब ने भी अधिशाषी अभियंता को एक पत्र लिखा है। इसमें लिखा गया कि गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब की इमारत पुरानी हो चुकी है। नई इमारत का कार्य शुरू हो चुका है। कमेटी दुकानों को खाली करवा रही है। ये दुकानें 24 से 30 महीने के भीतर पुनः आबंटित कर दी जाएंगी। तब तक कोई अस्थाई समाधान प्रशासन द्वारा कर दिया जाए।

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