जनसेवा कोई नॉटी से सीखे बाकी वोट तो सब मांग रहे हैं

जब सब नेता मीटिंग कर वोट मांगने में व्यस्त हैं तब अनिंदर सिंह और उनके साथी शुक्रवार को एसडीएम ऑफिस में धरना दे रहे थे ताकि धान की बर्बाद हो चुकी फसल का सरकार मुआवजा दे।

दबाव में सरकार को इनकी मांग मानते हुए 24 घंटे के अंदर अंदर स्पेशल गिरदावरी करने के आदेश जारी करने पड़े। पूरे सिरमौर में धान की फसल फिजी वायरस से बुरी तरह खराब हुई है। अब धान के किसानों को कुछ ना कुछ मुआवजा जरूर मिलेगा।

धान में वायरस के कारण धान की 80% फसल खराब हो चुकी है और यह लगातार दूसरा नुकसान है क्योंकि इस वर्ष गेहूं की फसल में भी पैदावार बहुत कम रही। किसान की कमर टूट गई लेकिन नेता तो नेता है बस चुनाव आते ही निकल पड़े की वोट हमको दो हमको दो।

दो दिन पहले शुक्रवार को पांवटा साहब के अलग-अलग गांव से भारी संख्या में किसान भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले जुटे और एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया। इस मौके पर भारी संख्या में नौजवान भी जुटे और सभी ने जोरदार नारेबाजी के साथ अपना विरोध दर्ज करवाया किसानों की प्रदेश सरकार से मांग की के धान मक्का तथा गन्ने में हुए नुकसान को आपदा घोषित किया जाए और स्पेशल गिरदावरी की प्रक्रिया पूरा करते हुए जल्द से जल्द मुआवजे का भुगतान हो।

किसानों ने तहसीलदार श्री वेद अग्निहोत्री से मिलकर भी इस बारे में राजस्व विभाग से फील्ड स्तर के आंकड़े जुटाने को कहा ताकि सरकार को सही स्थिति पता चल सके।

उस दिन एसडीएम द्वारा इस मामले जल्द कार्यवाही करने और हर गांव में स्थिति का आकलन करने को सरकारी टीम भेजने की घोषणा के बाद धरना एक लिखित मांगपत्र सरकार के भेजने के बाद समाप्त किया गया था और अगले ही दिन नाहन में जिलाधीश आर के गौतम ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुला कर धान की फसल की स्पेशल गिरदावरी करने के आदेश जारी कर दिए।

किसानों के इस धरने में वरिष्ठ किसान नेता अनिंदर सिंह नॉटी, जसविंदर बिलिंग, गुरजीत नंबरदार, परमजीत बंगा, भूपिंदर सिंह, अर्जुन बनवैत,परदीप सिंह, गुरनाम गामा, गुरशरण फौजी, सरवर अली, महबूब अली, बक्शीराम, सतनाम सिंह, हरजीत सिंह, बलजीत सिंह, कमल चौधरी, दाताराम चौधरी, रविंद्र सिंह,देवेंद्र सिंह, जस्सू सहित भारी संख्या में किसान और छात्र शामिल हुए थे। छात्रों के परिवार इस बार उनके दाखिले की फीस तक भरने में असमर्थ हैं। कुल मिलाकर नॉटी और उनकी टीम की हर जगह किसान तारीफ कर रहे हैं की जनसेवा कोई इनसे सीखे।

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