356 साल पुराने ऐतिहासिक होले मोहल्ले के बारे में दोगली नीति क्यों ?

पिछले कल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा चंबा की मिंजर मेले को भी अंतरराष्ट्रीय मेले का दर्जा दे दिया गया जबकि 356 साल पुराने होले मोहल्ले को अभी तक जिला स्तरीय भी घोषित नहीं किया गया है। टीम श्री पोंटा साहब के संस्थापक और व्यापार मंडल मंडल के अध्यक्ष अनेंदर सिंह नॉटी ने बताया की पोंटा साहब क्षेत्र की जनता और संगत एक लंबे समय से पोंटा साहब के होली मेले यानी होले महल्ले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने की मांग करती रही है और पिछली सभी सरकारें इसमें भाषा और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी बता कर पल्ला झाड़ती रही है जब पोंटा साहब के यमुना शरद महोत्सव को सीधे राज्यस्तरीय और अब चंबा के मिंजर मेले को अंतरराष्ट्रीय मेले का दर्जा मंच से घोषित किया जा सकता है तो पोंटा साहब के साथ यह नाइंसाफी क्यों की जा रही है?
गौरतलब है इस बारे में श्री नॉटी ने पूरे दस्तावेजों की कड़ी जुटाकर वर्ष 2021 में तत्कालीन एसडीएम श्री लायक राम वर्मा के माध्यम से भाषा एवं संस्कृति विभाग को भिजवा दी थी और यह मेला अंतर्राष्ट्रीय महिला घोषित होने के सभी मापदंड पूरे करता है।
उन्हों ने बताया की एक बार फिर से विभाग ने एक जुलाई को भेजे गए पत्र द्वारा कुछ जानकारी मांगी है जो सिख धर्म के इतिहासकारों जानकारों से लेकर भेजी जाएगी। एक एक कदम करके हम सरकार की हर बहानेबाजी का जवाब देंगे।
क्षेत्र के बुद्धिजीवी मानते हैं की पांवटा साहब का इतिहास ही गुरु गोबिंद सिंह जी के आगमन और इस मेले से जुड़ा हुआ है तब 356 वर्ष बीतने के बाद भी इसका दर्जा ना बढ़ाना कई सवाल पैदा करता है। ऊर्जा मंत्री चौधरी सुखराम भी कई मर्तबा इस बात का भरोसा दिला चुके हैं लेकिन हुआ कुछ नही।

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