राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश की मंडी लोकसभा और फतेहपुर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव को भारत निर्वाचन आयोग ने टाल दिया है। दोनों सीटें छह महीने पहले तत्कालीन सांसद व विधायक के निधन के चलते रिक्त हो गई थी। सांविधानिक व्यवस्था के अनुसार छह महीने के अंदर चुनाव कराए जाने थे लेकिन आयोग ने कोविड, त्योहारी सीजन और बारिश के चलते इन सीटों पर फिलहाल उपचुनाव न कराने का फैसला किया है। इन दोनों के साथ ही हाल ही में खाली हुई अर्की और जुब्बल-कोटखाई सीट पर होने पर वाला उपचुनाव भी टल गया है।
भारत निर्वाचन आयोग के साथ एक सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों व प्रदेश के डीजीपी ने कोविड, त्योहारी सीजन और बारिश का हवाला देते हुए चुनाव टालने की गुजारिश की थी। इस चर्चा के बाद आयोग ने फैसला लिया है कि त्योहारी सीजन के बाद ही चुनावों पर फैसला होगा। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस मियाद के बाद मंडी लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने की संभावना बेहद कम है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि लोकसभा का टर्म तीन साल से ज्यादा का बचा है जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पंद्रह महीने का बचा है। चूंकि आयोग ने त्योहारी सीजन के बाद उपचुनाव को लेकर विचार करने की बात कही है और प्रदेश में नवंबर में त्योहारी सीजन के खत्म होने के साथ ही बर्फबारी का सीजन शुरू हो जाएगा जो फरवरी तक चलता है। इसके बाद जनवरी से विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम का रह जाएगा। ऐसे में एक साल से कम समय में उपचुनाव न कराए जाने का नियम आड़े आ सकता है। जाहिर है, नियमों के मकड़जाल की वजह से हिमाचल की रिक्त तीनों ही विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की संभावना न के बराबर ही है।