राईट न्यूज / शिमला
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नेता हो या आम व्यक्ति सभी को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत के एक आढ़ती के साथ हुए विवाद को अनावश्यक बताया। कहा कि उन्हें किसान नेता के हिमाचल आने से कोई आपत्ति नहीं है वे उनका हिमाचल में स्वागत करते हैं। आपत्ति केवल इस बात से है इतने बड़े किसान नेता को उकसावे में आ कर अभद्र भाषा के प्रयोग नहीं करना चाहिए था। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस किसानों-बागवानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय सहन नहीं करेगी।
सूबे के किसान और बागवान अपनी आवाज उठाने में पूरी तरह सक्षम हैं। पहले भी बागवान अपनी मांगों को लेकर कई बार लड़ाई लड़ चुके हैं। आगे भी लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सेब के दामों में निरंतर हो रही गिरावट को लेकर हस्तक्षेप करना चाहिए। हम राकेश टिकेत जी के हिमाचल के किसानों की आवाज उठाने का समर्थन करते है।
विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब कोई इस प्रकार का विवाद या तनाव पैदा होता है तो आंदोलन का असली मकसद पीछे रह जाता है। वह राकेश टिकैत का सम्मान करते हैं। वह किसानों की बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान आंदोलन का वह स्वयं भी समर्थन करते हैं।
कहा कि सरकार प्रदेश में सेब बागवानों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने किसानों-बागवानों के मुद्दे सदन में भी उठाए हैं। प्रदेश में पूर्व वीरभद्र सरकार के समय में कोल्ड स्टोर खोले गए। सरकारी विपणन व्यवस्था शुरू की गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य शुरू किया था।
प्रदेश में लकड़ी के बक्सों की जगह गत्ते की पेटियों का प्रचलन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था। इसके लिए गुम्मा के प्रगतिनगर में एक बड़ी गत्ता फैक्ट्री भी स्थापित की थी। वीरभद्र सरकार ने बागवानी विकास के लिए 1400 करोड़ का प्रोजेक्ट भी लाया था। यह वर्तमान सरकार की उपेक्षा का शिकार बना है।