राईट न्यूज / सिरमौर
मां रेणुका और पुत्र परशुराम के अलौकिक मिलन के साथ ही रेणुका मेला मंगलवार से शुरू हो गया है। सात दिनों तक चलने वाला यह मेला इस बार कोविड-19 नियमों के चलते आस्था के साथ सूक्ष्म और सांकेतिक रूप में ही आयोजित किया जा रहा है। उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने मंगलवार को परंपरा का निर्वहन करते हुए देव पालकियों को कंधा देकर उनको मंदिरों के लिए रवाना किया।
मेले के मद्देनजर भीड़ पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा गया है। इस वर्ष देव पालकियों को छूने और प्रसाद आदि चढ़ाने पर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा है। मेले के दौरान बैंड बाजों, लोक वाद्य यंत्रों की धुनें भी नहीं सुनाई दीं। केवल देवताओं के साथ आए बजंतरियों ने ही देवताओं की अगुवाई की। मेला क्षेत्र में श्रद्धालु कम और पुलिस जवान अधिक दिखाई दे रहे थे।
उपायुक्त डॉ. आरके परूथी ने मेले का आगाज करते हुए शुभ मुहूर्त 1:30 बजे देव पालकियों को कंधा देकर मंदिरों के लिए रवाना किया। देव पालकियां परशुराम तालाब का चक्कर लगाकर मंदिरों में पहुंचीं। यहां प्राचीन परंपरा के अनुसार पवित्र त्रिवेणी घाट पर देवताओं का मिलन करवाया गया। उसके पश्चात तीनों देव पालकियों को लोगों के दर्शानार्थ मंदिरों में स्थापित किया गया। यहां सात दिनों तक श्रद्धालु देवताओं के दर्शन कर सकेंगे।
उपायुक्त ने की नियमों का पालन करने की अपील
उपायुक्त डॉ. परूथी ने कोविड नियमों और एसओपी का पालन करने का आह्वान किया है। मेले के शुभारंभ अवसर पर एसपी खुशहाल शर्मा, एसडीएम नाहन रजनीश कुमार, एसडीएम संगड़ाह विक्रम नेगी, डीएसपी संगड़ाह शक्ति सिंह, तहसीलदार ददाहू चेतन चौहान सहित रेणुका के विधायक विनय कुमार, भाजपा नेता बलबीर सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।