सुक्खू कैबिनेट की बैठक आज: 140 एजेंडों पर होगी चर्चा- बेरोजगारों को राहत मिलने की उम्मीद

सुक्खू कैबिनेट की बैठक आज: 140 एजेंडों पर होगी चर्चा- बेरोजगारों को राहत मिलने की उम्मीद

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठकें 5 और 6 मई को लगातार दो दिन तक सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होंगी। इस बार बैठक के एजेंडे में भारी-भरकम है करीब 140 से ज्यादा आइटम चर्चा के लिए रखे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़ाकर 59 साल करने, एडवांस पेंशन (कम्युटेशन) से जुड़े मुद्दों और नई भर्ती नीति पर अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

बैठक में वित्त विभाग यह स्पष्ट करेगा कि रिटायरमेंट के समय एडवांस पेंशन देने के पीछे की वित्तीय रणनीति क्या है और इसमें क्या कमजोरियां हैं। वर्तमान में 15 वर्षों की 40% पेंशन एडवांस में दी जाती है, जिससे कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद मकान, शादी, स्वास्थ्य जैसी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाते हैं। लेकिन अगर कर्मचारी की जल्द मृत्यु हो जाए तो यह राशि सरकार को वापस नहीं मिलती, जिससे वित्तीय नुकसान होता है।

वित्त विभाग इस प्रस्ताव पर भी तर्क सहित प्रस्तुति देगा कि अगर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 59 की जाए तो उससे सरकार पर कोई नया आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। यह फैसला हजारों कर्मचारियों के लिए राहत बन सकता है।कैबिनेट बैठक में सरकार द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। अनुबंध और आउटसोर्स मॉडल को पहले ही बंद किया जा चुका है।

अब सरकार गुजरात मॉडल की तरह ‘प्रोविजनल भर्ती’ यानी अस्थायी नियुक्ति की योजना पर विचार कर रही है। इसमें सीधे नियमित आधार पर नियुक्ति नहीं की जाएगी, लेकिन एक निर्धारित अवधि के बाद स्थायीकरण संभव होगा।बैठक में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई विषयों पर भी निर्णय होने की संभावना है।

इसके अलावा विभिन्न विभागों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने पर भी मंत्रिमंडल मुहर लगा सकता है।राज्य में होम स्टे नीति 2026 को संशोधित कर मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा। इसके साथ ही संसाधन सृजन समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर भी सरकार गंभीर नजर आ रही है।प्रदेश में लाखों कर्मचारी और बेरोजगार युवा इस कैबिनेट बैठक को उम्मीदों भरी नजर से देख रहे हैं।

अब देखना होगा कि क्या सरकार इस बैठक में वे फैसले ले पाती है जिनसे संगठनात्मक ढांचे के साथ-साथ जनता का विश्वास भी मजबूत हो।

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