राईट न्यूज /हिमाचल
SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने राष्ट्रीय आह्वान पर सरकार के द्वारा शिक्षा में 18% GST लगाने के फैसले के खिलाफ व छात्रो की छात्रवृत्ति को बहाल कराने के लिए शिमला जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ साथ आज जिला मुख्यालयों व ब्लॉक स्तर पर भी चम्बा, हमीरपुर, कांगड़ा,सोलन, ऊना , मंडी देहरी, रामपुर, चुवाड़ी व सरकाघाट आदि अनेको जगह पर छात्रों ने प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे।
SFI ने सरकार द्वारा नए सत्र महाविद्यालयों के द्वारा विश्वविद्यालय को दी जाने वाली एफिलेशन, इंस्पेक्शन व कॉन्टिनुशन फीस पर 18% GST थोपने के निर्णय का विरोध किया है । SFI का मानना है शिक्षा मानव विकास व राष्ट्र निर्माण की महत्वपूर्ण कड़ी है इसलिए इसे भारतीय संविधान के द्वारा मौलिक अधिकार के रूप में अपनाया गया है। शिक्षा राज्य की महत्वपूर्ण व अनिवार्य जिम्मेदारी होने के चलते पहले इस पर किसी भी प्रकार का कर नही होता था ।उसके पीछे वजह यह भी थी कि छात्र संगठन GST के आते ही शिक्षा को GST मुक्त करने की मांग कर रहे थे। लेकिन इस बार सरकार कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट का बहाना लगाकर शिक्षा को महंगा करने पर तुली हुई है। लेकिन SFI इस छात्र विरोधी फैसले को हरगिज लागू नही होने देगी।
इसके साथ साथ SFI मांग कर रही है कि पिछले 4 महीनों से कोरोना महामारी के चलते सभी उद्योग-धंधे , पर्यटन ,कृषि व बागवानी सब संकट की स्थिति में है। जिसका असर प्रदेश की जनता पर भी देखा जा सकता है,की पिछले इन 4 महीनों में आत्महत्याओं की दर लगातार बढ़ रही है ।इसलिए SFI सरकार से मांग कर रही है कि शीघ्र छात्रों को छात्रवृत्ति बहाल की जाए ताकि छात्र इस विपरीत समय मे अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सहयोग कर पाए
साथ मे SFI यह भी मांग कर रही है कि कोरोना संकट के बीच होने वाली राष्ट्रीय व राज्य स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं व शैक्षिणिक सत्र के शुरू होने से पहले सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों व कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं जिसके लिए सेनेटाइजर टनल का निर्माण करना जरूरी है । सभी छात्रो को मुफ्त मास्क व सेनेटाइजर दिए जाए।
SFI का मानना है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट ने प्रदेश के कामगारों, किसानो,बागवानों व छोटे दुकानदारों की कमर तोड़ दी है, लेकिन प्रदेश सरकार छात्रो को आर्थिक सहायता जैसे छात्रवृत्ति व विशेष भत्ता देने के बजाय फीस बढ़ोतरी करके व शिक्षा पर GST लगाकर प्रदेश की जनता को कंगाल करने पर तुली है। प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के इन्ही छात्र विरोधी फैसलों के खिलाफ SFI 26 जून को प्रदेश स्तर पर सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी।
इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से हम सरकार से मांग करेंगे कि-
1) शिक्षा में 18% GST के फैसले को शीघ्र वापिस लिया जाए।
2) छात्रो को मुफ्त मास्क व सेनेटाइजर उपलब्ध कराए जाए।
3) सभी तरह की छात्रवृत्ति शीघ्र बहाल करो।
4) सरकार सभी छात्रों के तीन महीनों की फीस माफ करें। व छात्रों के तीन माह के होस्टल चार्जेज,कमरों के किराए सरकार अदा करे।
5)फीस वृद्धि का फैसला वापिस लिया जाए व परीक्षा फॉर्म में कोई लेट फीस नही ली जाए।
6) सभी छात्रों को राहत के रूप में विशेष भत्ता दिया जाए।
7) कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सभी राष्ट्रीय व राज्य स्तर की परीक्षाओ के शुरू होने से पहले छात्रो अध्यापको व अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए।