हिमाचल: दो दिन पहले ही घर में गूंजी थी किलकारी, छत से गिरी बड़ी बेटी- पसरा मातम

हिमाचल: दो दिन पहले ही घर में गूंजी थी किलकारी, छत से गिरी बड़ी बेटी- पसरा मातम

राइट न्यूज हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहां न्यू नालागढ़ में एक घर में नवजात के आने की खुशियां मातम में बदल गई हैं। एक तरफ जहां महिला ने नवजात को जन्म दिया है, वहीं दूसरी तरफ उसने अपनी दो साल की बच्ची को एक दर्दनाक हादसे में खो दिया है।

दरअसल, दो साल की बच्ची की छत से गिरने के कारण मौत हो गई है। मासूम बच्ची की मौत के कारण पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है और पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन बना हुआ है।बताया जा रहा है कि बच्ची की मां का दो दिन पहले ही प्रसव हुआ है। बच्ची का पिता मजदूरी का काम करता है।

घटना के वक्त बच्ची छत पर खेल रही थी।मिली जानकारी के अनुसार, बच्ची अपने माता-पिता के साथ न्यू नालागढ़ में किराये के मकान में रहती थी। बीते शुक्रवार को बच्ची छत पर खेल रही थी। इसी दौरान वो अचानक ग्रिल से नीचे गिर गई। इस हादसे में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।

बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि बच्ची बेसुध पड़ी हुई थी। लोग उसे आनन-फानन में उपचार के लिए नालागढ़ अस्पताल ले गए। मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे में बच्ची के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें लग गई थी- जिस कारण बच्ची ने दम तोड़ दिया।परिजनों ने बताया कि बच्ची का मां का अभी दो दिन पहले ही प्रसव हुआ है- ऐसे में बच्ची का ख्याल रखने वाला कोई नहीं था।

ऐसे में बच्ची अकेले ही छत पर खेल रही थी। जहां उसके साथ ये दर्दनाक हादसा पेश आ गया। बच्ची की मौत के बाद उसके माता-पिता सदमे में हैं।महज दो दिन पहले ही परिवार में एक नया मेहमान आया था। पूरे घर में खुशी का माहौल था, लेकिन इस घटना ने सभी को हिला कर रख दिया। खासकर मां की हालत बेहद भावुक थी, क्योंकि वह अपने नवजात की देखभाल कर रही थी और वो अपनी बेटी को देख भी नहीं पा रही थी।मामले की पुष्टिASP अशोक वर्मा ने की है। उधर, घटना को लेकर लोगों का कहना है कि बच्ची की मां और परिजन नवजात की देखभाल में व्यस्त थी, जिस वजह से किसी का ध्यान बच्ची की ओर नहीं गया। खेलते-खेलते मासूम गलती से संतुलन खो बैठी और छत से नीचे गिर गई। नीचे गिरते ही बच्ची जोर-जोर से रोने लगी, जिससे परिवारवालों को इस हादसे का पता चला।लोगों ने इस हादसे से सीख लेते हुए कहा कि छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। छत, सीढ़ियों और बालकनी जैसे स्थानों पर सुरक्षा ग्रिल या ऊंची रेलिंग होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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