राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कोटखाई में साल 2017 में हुए गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए नेपाली मूल के सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या हो गई थी। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व आईजी जहूर जैदी सहित आठ पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन आरोपियों को सुनाई सजा से सूरज की पत्नी सतुंष्ट नहीं है।
सूरज की पत्नी ममता का कहना है कि जिस तरह से पुलिस कर्मियों ने उसके पति को पुलिस लॉकअप में तड़पा तड़पा कर मारा था, उसके हत्यारों को भी वैसी ही सजा मिलनी चाहिए। मैं उनकी उम्रकैद की सजा से संतुष्ट नहीं हूं। वहीं सूरज की पत्नी ने कहा कि मैं अपने पति के हत्यारों को फांसी की सजा नहीं चाहती हूं।
हत्यारों के लिए फांसी नहीं चाहती सूरज की पत्नीसूरज की पत्नी ने कहा कि मेरे पति की हत्या के बाद मेरा पूरा परिवार सदमें में था और हम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। जिसके चलते मैं नहीं चाहती कि मेरे पति के हत्यारों को फांसी की सजा हो और मेरे परिवार की तरह उनके परिवार भी बिखर जाए। मैं इतनी स्वार्थी नहीं हूं।
परिवार के सदस्य को खोने का दर्द मुझे पता है, पर मैं इतना जरूर चाहती हूं कि जैसे मेरे पति को तड़पाया गया था, वैसे ही उसके हत्यारे भी जीते जी तड़पें। ममता का कहना था कि सजा मिलने के बाद इंसान तो चला जाता है, लेकिन उससे कहीं बड़ी सजा तो उनके पीछे छूट जाने वाला उनका परिवार काटता है।
बताते चलें कि मामला 4 जुलाई 2017 को शिमला जिले के कोटखाई के महासू जंगल का है, जहां 16 साल की एक छात्रा की हत्या कर दी गई थी। छात्रा का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। तत्कालीन सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था।
हालांकि, जांच के दौरान पुलिस पर आरोप लगा कि उसने मामले को दबाने की कोशिश की और सूरज नाम के एक युवक की पुलिस लॉकअप में पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना एसआईटी द्वारा की गई जांच में सामने आई, जिसके बाद सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई।CBI ने मामले की गहन जांच शुरू की और अगस्त 2017 में आठ पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गिरफ्तार किया।
इनमें से कई पुलिस अधिकारी उच्च पदों पर थे, जिसमें पूर्व IG जहूर हैदर जैदी और DSP मनोज जोशी शामिल थे। 25 नवंबर 2017 को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई और इस मामले का ट्रायल शिमला से चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया। 7 साल 2 महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कोर्ट ने एसआईटी के सभी सदस्यों को दोषी करार दिया।सोमवार को CBI कोर्ट ने कोटखाई हत्याकांड के आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
साथ ही, प्रत्येक दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इस फैसले के बाद प्रदेश की अफसरशाही में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं। CBI कोर्ट के फैसले के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि दोषी पाए गए सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है।
इनमें से एक अधिकारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है। सरकार के स्तर पर इस विषय पर मंथन चल रहा है और विस्तृत जजमेंट का इंतजार किया जा रहा है। 18 जनवरी को दोषी करार पाए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, और गृह विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। अब इस मामले में सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश के DGP अतुल वर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे कोर्ट की विस्तृत जजमेंट पढ़ने के बाद ही इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देंगे। DGP का कहना है कि यह मामला गंभीर है, और जब तक कोर्ट के फैसले की पूरी जानकारी नहीं मिलती, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।