राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है, जहां कई अहम विधेयकों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित किया जाएगा। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी और प्रदेश के इतिहास में पहली बार लोकसभा की तर्ज पर शून्यकाल का आयोजन होगा।
चर्चा और पारण के लिए प्रस्तावित विधेयकसत्र में आज 14 विधेयक पेश किए जाएंगे जिनमें से प्रमुख हैं:हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 (लैंड सीलिंग एक्ट)कांग्रेस सरकार द्वारा लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन किया जा रहा है।
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, धार्मिक और चैरिटेबल संगठनों को 30 एकड़ भूमि या उस पर बने ढांचों को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाएगी।यह संशोधन राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू होगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है, जिसने राज्य में कई नैतिक और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए हैं।संस्था ने हमीरपुर जिले के भोटा में एक अस्पताल बनाया है जो स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
संस्था ने सरकार से कई बार अनुरोध किया है कि भोटा अस्पताल की भूमि और भवन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, वर्तमान में लैंड सीलिंग एक्ट की धारा 5(झ) इसके लिए बाधा बन रही है। संशोधन के जरिए इस प्रावधान को बदलने का प्रस्ताव है।सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तों में बदलावहिमाचल प्रदेश कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024 के तहत, कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा।
यह व्यवस्था 2003 से लागू होगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य राज्य पर संभावित वित्तीय बोझ को कम करना है।कोर्ट के आदेशों के अनुसार, कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ प्रदान करना पड़ता है, जिससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है।हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक-2024 के तहत पुलिस कांस्टेबल को जिला स्तर से स्टेट कैडर में शामिल किया जाएगा।
इससे उनकी ट्रांसफर राज्य के किसी भी जिले में की जा सकेगी। इसके अलावा पुलिस की भर्ती अब पुलिस बोर्ड द्वारा की जाएगी।वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन का प्रस्तावराजस्व मंत्री जगत सिंह ने वन संरक्षण अधिनियम (FCA) 1980 में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया। इसके तहत आपदा से प्रभावित किसानों को 10 बीघा वन भूमि खेती के लिए प्रदान करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।
