राईट न्यूज / हिमाचल
अवैध और नकली शराब के मामलों में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। अवैध और नकली शराब बनाने के धंधे में संलिप्त लोगों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। राज्य सरकार 1200 से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य इस तरह की गतिविधियों से निपटना होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को शिमला में कही।
उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम-2011 में संशोधन कर इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों पर नकेल कसने के लिए यह प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण संशोधन अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संपत्ति को जब्त करने की अनुमति देता है। इससे पहले अधिनियम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस प्रावधान को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
इसके अलावा इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए इन अपराधों को अब संज्ञेय और गैर-जमानती बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि नए प्रावधान अवैध शराब के धंधे जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करने में बहुत मददगार साबित होंगे। संशोधनों में अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माने में वृद्धि और सजा की अवधि को भी बढ़ाया गया है।
नाबालिगों की संलिप्तता को लेकर सरकार चिंतित
प्रदेश में नाबालिगों को शराब बेचना और शराब बेचने के लिए उनका इस्तेमाल करना भी बहुत गंभीर मसला है. इसे लेकर सरकार चिंतित है. इसके समाधान के लिए नए कानून में अब अपराधियों को दंड और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है. अपराधियों को छह महीने जेल की सजा और 50 हजार तक का जुर्माना किया जा सकता है. इन प्रावधानों को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए प्रवर्तन एजेसियों (Enforcement Agencies) को मजबूत किया जा रहा है. इस तरह के मामलों के जल्द निपटारे के लिए आबकारी पुलिस फोर्स के गठन का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने मंडी में वर्ष 2022 में हुई घटना को दोहराया जहां नकली शराब पीने से आठ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि नकली शराब के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूरी सख्ती बरती जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी और इस्तेमाल से निपटने के लिए भी कई कदम उठा रही है।