सेना दिवस के दिन जन्मा बेटा हो गया देश पर कुर्बान,आतंकियों से मुठभेड़ में पाई वीरगति

राईट न्यूज़ हिमाचल….

15 जनवरी को आर्मी डे के दिन जन्में एक अधिकारी आर्मी की ड्यूटी के दौरान देश के लिए समर्पित हो गया। पिता कहते थे बेटा नेवी में चला जा आर्मी की ड्यूटी कठिन है लेकिन वह नहीं माना और सेना में सेवाएं दे चुके पिता से प्रेरणा लेकर भारतीय सेना में भर्ती हो गया।

15 जुलाई को रात भर ये अधिकारी आतंकियों से लोहा लेता रहा और अंत में देश के लिए शहीद हो गया। वीरता की ये गाथा पश्चिम बंगाल के कैप्टन बृजेश थापा की है। जम्मू कश्मीर के डोडा जिला में सोमवार को हुए आतंकियों के खिलाफ अभियान में भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने वीर सपूतों का बलिदान दिया है।

आतंकियों से मुठभेड़ में कैप्टन सहित चार जवान शहीद हो गए। 26 वर्षीय कैप्टन बृजेश थापा इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। कैप्टन बृजेश थापा के सामने बड़ी चुनौती थी क्योंकि आतंकी ऊंची जगह पर छिपे हुए थे और सेना के जवानों को नीचे से ऊपर की और बढ़ना था। भारतीय सेना के इस जाबांज अधिकारी ने दुश्मनों को पहाड़ की चोटी पर रोके रखा और अपने साथियों के साथ आगे बढ़ते रहे।

धुंध व घना अंधेरा होने की वजह से कैप्टन बृजेश थापा, जवान नायक डी. राजेश, सिपाही बिजेंद्र और अजय सिंह आतंकियों की गोलीबारी में घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी घने जंगल में भाग निकले। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के रहने वाले कैप्टन बृजेश थापा दूसरे पीढ़ी के अधिकारी थे।

गढ़वाल राइफल्स में सेवाएं दे चुके पिता कर्नल बी थापा से प्रेरित होकर वह सेना में शामिल हुए थे। बचपन से ही वह अपने पिता की तरह सेना में रहना चाहते थे और हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने में विश्वास करते थे। उन्होंने भारतीय सेना के तीन अन्य जवानों के साथ देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।उनके बलिदान ने पूरे देश को गमगीन कर दिया, लेकिन उनके साहस और समर्पण की कहानी हर भारतीय के दिल में हमेशा जिंदा रहेगी।

भारतीय सेना के इस जवान ने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए खुद को न्यौछावर कर दिया। मुठभेड़ में सर्वोच्च बलिदान देने वाले 4 सैनिकों को जम्मू में सेना ने नम आंखों से विदाई दी और पुष्पांजलि अर्पित की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *