राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश की बेटियां देश-विदेश में बड़े-बड़े मुकाम हासिल कर अपने परिवार के साथ-साथ हिमाचल का नाम रोशन कर रही हैं। इसी कड़ी में प्रदेश की एक बेटी ने राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में अपनी सफलता का परचम लहराया है। इस सफलता के बाद पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।कुल्लू जिले के सुल्तानपुर की रहने वाली मन्नत भारद्वाज ने कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट CLET में हिमाचल प्रदेश में 5वां स्थान हासिल किया है।
जबकि, देशभर में 1664वां स्थान हासिल किया है। मन्नत की इस उपलब्धि के बाद परिवार और पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ रही है।विदित रहे कि, कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। इसमें देशभर से बड़ी संख्या में बच्चों ने देश की 24 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए भाग लिया। इस परीक्षा में हिमाचल की 45 सीटों के लिए भी काफी संख्या में परीक्षार्थियों ने भाग लिया।
जिसमें से मन्नत भारद्वाज ने 5वां स्थान हासिल किया।आपको बता दें कि मन्नत हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं। मन्नत की शिक्षा OLS स्कूल एवं भारत भारती कुल्लू में हुई है। मन्नत पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय, शास्त्रीय नृत्य और काव्य पठन जैसी कलाओं में भी हमेशा अव्वल रही हैं। मन्नत अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भी अपने हुनर का लोहा मनवा चुकी हैं।मन्नत के परिवार में उनके माता-पिता और छोटी बहन है।
मन्नत के पिता नवनीत भारद्वाज जानी-मानी नाट्य संस्था मन्नत कला मंच के अध्यक्ष हैं। साथ ही हिमाचल के जाने-माने स्टेज संचालक भी हैं। मन्नत की मां इंदु भारद्वाज स्कूल में अंग्रेजी साहित्या की टीचर और जानी-मानी कवयित्री हैं। मन्नत की छोटी बहन भी पढ़ाई और नृत्य व अभिनय कला में अव्वल है।मन्नत के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने कभी भी बेटियों से भेदभाव नहीं किया।
उन्होंने हमेशा बेटियों को उच्च आत्मबल और संस्कार देने की कोशिश की। लोगों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों को पंख दीजिए, उन्हें रोकिए नहीं- वो सक्षम हैं। कुछ कर दिखाने के लिए- आप उन्हें आसमान दीजिए। अपनी बेटियों का हौसला बढ़ाएं- उन्हें सपनों को पूरा करने से रोके नहीं।मन्नत की इस सफलता से उनके माता-पिता बेहद खुश हैं।
इस सफलता के बाद उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया है। मन्नत ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। मन्नत ने कहा कि उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और हर फैसले में सहयोग दिया। उन्होंने बताया कि उनका सपना सिर्फ लॉ में पढ़ाई करना नहीं है-वो जज बनना चाहती हैं।
