राईट न्यूज / सिरमौर
देशभर में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण कर 397वां रैंक हासिल करने वाले दृष्टि बाधित उमेश कुमार ने युवाओं को संदेश दिया कि कामयाबी खुद चलकर नहीं आती उसे ढूंढना पड़ता है। वह अपनी पढ़ाई लैपटॉप और मोबाइल पर स्क्रीनिंग रीडर साफ्टवेयर इस्तेमाल करके करते हैं। पैतृक गांव पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। कोलर गांव में उमेश के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उमेश लबाना ने बताया कि वह इस सकारात्मक परिणाम के लिए अपने पिता दलजीत सिंह, माता कमलेश कुमारी, बड़े भाई जितेंद्र और भाभी नीरू देवी को देखते हैं। उमेश ने बताया कि उनके परिवार ने उस वक्त उनका साथ दिया, जब उन्हें लगता था कि वह स्वयं अपने साथ नहीं रह पाएंगे। इसके अलावा उनके शैक्षणिक सफर में जब वह मैट्रिक में थे तो वह इस बात को लेकर चिंतित थे कि वह अपनी शिक्षा कैसे जारी रखें।
इसी बीच नाहन के शमशेर स्कूल में शिक्षक दिनेश सूद जो स्वयं दृष्टि बाधित थे, उनका मार्गदर्शन मिला। वास्तव में शिक्षक दिनेश सूद ने उन्हें तकनीक बताई कि किस तरह से वह शिक्षा जारी रख सकते हैं। इस सफलता के लिए उन्होंने शिक्षक दिनेश सूद का आभार जताया। उमेश लबाना ने बताया कि यूपीएससी का यह उनका तीसरा प्रयास था। अंग्रेजी मीडियम में ही उन्होंने यह परीक्षा दी है। दृष्टि बाधित होने के चलते सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई की सुविधाओं की बदौलत ही उन्होंने यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। उमेश लबाना ने कहा कि किसी भी लंबी यात्रा की शुरुआती कदम बहुत मुश्किल होते हैं और ऐसा ही कुछ उनके साथ भी हुआ था, लेकिन उन्हें अपने परिवार का बहुत सहयोग मिला। इस मौके पर कांग्रेसी नेता अजय सोलंकी, कोलर पंचायत की प्रधान शालिनी, शिमला लोकसभा सचिव सोहन राजपूत, ज्ञान चौधरी, देशराज लबाना, कुलदीप, बलराज रमेश और रौनकी सहित कई लोगों ने उनका पुष्प गुच्छ देकर सम्मान किया और बधाई दी।