केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय को दी अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय को दी अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने का बहुप्रतीक्षित फैसला ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। इस ऐतिहासिक निर्णय से सिरमौर जिले की 1.60 लाख से अधिक की आबादी लाभान्वित होगी। सिरमौर के चार विधानसभा क्षेत्र रेणुका, शिलाई, पच्छाद और पांवटा के बड़े भू-भाग पर रहने वाले लोगों को यह दर्जा मिलेगा। रेणुका और शिलाई इसमें पूरी तरह से कवर होंगे। पच्छाद और पांवटा की आबादी के एक बड़े हिस्से को भी जनजातीय दर्जा मिलेगा।

सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय के लोग पांच दशक से एसटी का दर्जा मांग रहे थे। इसके लिए समुदाय के लोगों ने कई आंदोलन और प्रदर्शन किए। गिरिपार क्षेत्र के लोगों जैसी संस्कृति, परंपराओं और परस्पर संबंधों वाले उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र के लोगों को 1967 में ही यह दर्जा दे दिया गया था। प्रदेश सरकार ने मई 2005 में इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। अगस्त 2011 में हाटी समुदाय की संस्कृति और स्थिति पर नई रिपोर्ट बनाने का काम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 4 अगस्त 2018 को केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री से भी यह मामला उठाया। केंद्र से इस विषय पर ताजा एथनॉग्राफिक प्रस्ताव मांगा गया। एथनॉग्राफी का मतलब किसी समुदाय के रहन-सहन, खान-पान, संस्कृति और परंपराओं के अध्ययन से है।

राज्य सरकार ने नया एथनॉग्राफिक प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर 10 मार्च 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया कि रजिस्ट्रार ऑफ इंडिया को हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के प्रस्ताव पर विचार करने के निर्देश दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 11 मार्च 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री से भी भेंट की। इसके बाद अप्रैल 2022 में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने ट्रांसगिरि क्षेत्र में रहने वाले हाटी समुदाय को एसटी में शामिल करने की सहमति दे दी। अब बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने भी इसकी मंजूरी दी।  केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हाटी समुदाय की 50 वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करने की दृष्टि से एतिहासिक निर्णय हुआ है।

एसटी का दर्जा मिलने पर मिलेंगे ये लाभ
केंद्रीय कैबिनेट ने संविधान (अनुसूचित जाति आदेश 1950) में कुछ संशोधन करने के लिए संसद मेें संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 को लाने की मंजूरी दी है। यानी इस संबंध में संसद में विधेयक में संशोधन होगा। संबंधित संशोधन विधेयक आगामी सत्र में संसद में जाएगा। उससे पहले केंद्र सरकार अध्यादेश निकालकर भी इस दर्जे को दे सकती है। इस फैसले के बाद हाटी समुदाय के लोगों को तमाम वे लाभ मिलेंगे, जो जनजातीय लोगों को मिलते हैं।  विधेयक के कानून बनने के बाद हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदाय के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों के लिए निर्धारित लाभ प्राप्त कर सकेंगे। सरकारी नीति के अनुसार सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसके अलावा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, उच्च श्रेणी की शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास आदि का भी लाभ मिलेगा।

सीएम का ट्वीट, हाटी भाई-बहनों को बधाई
ट्रांसगिरि क्षेत्र के लोगों की चिर लंबित मांग को पूरा किया: जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्रांसगिरि क्षेत्र में रह रहे हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने ट्रांसगिरि क्षेत्र के लोगों को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के लोगों के समान अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की चिरलंबित मांग को पूरा किया है। इन क्षेत्रों की संस्कृति और भौगोलिक स्थिति एक-दूसरे से मिलती-जुलती है। सीएम ने बुधवार को कहा कि यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के संवर्द्धन और क्षेत्र के विकास को गति देने में सहायक होगा। वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष इस मामले को प्रभावी ढंग से रखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेतृत्व ने हाटी समुदाय के इस भावनात्मक मुद्दे में विशेष रुचि जताई थी। कहा कि सरकार प्रदेश की जनता की उचित मांगों को पूर्ण करने के लिए सदैव तत्पर है। इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष प्रभावशाली तरीके से रखा गया था, जिसके सार्थक परिणाम आज सामने आए हैं।

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