शिमला: हिमाचल प्रदेश भले ही पूर्ण साक्षर राज्य बन गया हो, लेकिन अभी भी राज्य के कई स्कूलों की हालत सुधरी नहीं है. कहीं, विद्यालय के लिए उपयुक्त भवन नहीं है तो कहीं स्कूल में एक भी टीचर नहीं है. इसकी जानकारी खुद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 100 सरकारी स्कूल में अभी भी कोई शिक्षक नहीं. वहीं, 2000 के करीब विद्यालयों में सिर्फ सिंगल टीचर ही हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा,
“साल 2022 में हिमाचल प्रदेश में 350 ऐसे स्कूल थे, जहां कोई शिक्षक नहीं था. लेकिन अब इनकी संख्या 100 से कम रह गई है. इसी तरह सिंगल टीचर स्कूलों की संख्या 3600 से घटकर करीब 2000 रह गई है. राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार हुआ है. आज हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है”.
शिक्षा विभाग में अब तक 7 हजार नियमित भर्तियां
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इस दौरान सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी हर विभाग और हर क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. शिक्षा विभाग में अब तक 7 हजार नियमित भर्तियां की जा चुकी हैं. इनमें जेबीटी से लेकर कॉलेज कैडर के प्रिंसिपल तक की नियुक्तियां शामिल हैं. वहीं, विभिन्न पदों पर हजारों नई भर्तियां जल्द की जाएंगी.
पंचायत चुनाव पर क्या बोले शिक्षा मंत्री?
पंचायत चुनावों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव स्थगित करने का निर्णय प्रशासनिक कारणों से लिया गया है, इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं है. चुनावों से भागने का कोई सवाल ही नहीं है. बीजेपी के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. स्थिति सामान्य होते ही पंचायत चुनाव करवाए जाएंगे.
“आपदा में केंद्र ने नहीं की कोई खास मदद”
शिक्षा मंत्री ने आपदा को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि आपदा से हुए नुकसान पर केंद्र सरकार से कोई खास मदद नहीं मिली है. जबकि राज्य सरकार को केंद्र से सहयोग की उम्मीद थी. विपक्ष केवल राजनीति तक सीमित है.

