राईट न्यूज / पांवटा साहिब
ऊर्जा मंत्री व पाँवटा के टेंडर खुलने की प्रक्रिया कांग्रेस की सरकार के समय में वर्ष 2017 में ही पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि पण्डित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित 90 और 10 प्रतिशत के आधार स्वीकृति योजना थी, जिसके अंतर्गत समयबद्ध तरीके से यह कार्य होना था।क्योकि कोई भी ठेकेदार कार्य करने के लिए तैयार नहीं हुआ। यह केन्द्र द्वारा प्रायोजित स्कीम थी, पैसा वापिस न जाए इसके लिए छूट देने के बाद भी दोनों जिलों किन्नौर व सिरमौर में केवल एक, दो ही टेंडर प्राप्त हुए।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि केन्द्र द्वारा इस योजना के अंतर्गत कड़े नियम रखे गए थे जिनको समय बद्ध तरीके से पूरा कर ही योजना का लाभलिया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि सभी औपचारिक्ताएं पूरी करने के बाद कार्य का आबंटन किया गया। इन कार्यों में नए ट्रासफार्मर लगाना, पुराने ट्रांस्फार्मरों संबन्धी क्षमता बढाना, नई एच.टी. व एल.टी. लाईन बनाना तथा सिंगल फेज व थी फेज के मीटर बदलना इत्यादि शामिल थे। यह टेंडर एक नहीं
था सारे कंपोनेन्टस की कुल लागत को ध्यान में रखते हुए सारी ओपचारिक्ताएं पूर्ण करके सक्षम प्राधिकार ने कार्य आबंटन किया है। उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योती योजना के अंतर्गत सिरमौर और किन्नौर जिला में रिकार्ड समय में कार्य पूरे किए गए है। उन्होंने कहा कि चौधरी किरनेश जंग पूर्व विधायक पांवटा साहिब ने जो ईलैक्ट्रिानिक बिजली मीटर घोटाले की निष्पक्ष जाँच की बात कही है, जो कि तथ्यों से बिल्कुल विपरीत है। चौधरी किरनेश पूर्व विधायक को सलाह है कि पहले तथ्यों की गहराई तक जाएं।