राईट न्यूज / सिरमौर
जिले के मैदानी इलाकों में धान की फसल पर कीड़े ने हमला कर दिया है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। बीते साल वायरस से फसल खराब हो गई थी। इससे बड़े पैमाने पर धान को नुकसान पहुंचा था। वायरस के चलते पांवटा घाटी में कई किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर फसल उखाड़ दी थी। इस बार कीड़ा (सूंडी) से किसान परेशान हैं। बताया जा रहा है कि पहली बार धान की फसल में कीड़े लगने जैसी शिकायत आई है।
शुरूआती लक्षण में फसल को जहां कीड़ा लगा है, वहां धान की पत्तियां सूखकर लाल पड़ रही हैं। ये हल्के पीले रंग का बताया जा रहा है। धान के पत्ते लाल होने पर जब किसानों ने पौधे को उखाड़ा तो तने में कीड़ा पाया गया। ये तेजी से पौधे को चट कर रहा है। तने की भीतर कीड़ा जगह बना रहा है। इससे किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है।
किसान भजन सिंह चौधरी, रामलाल और रामकुमार ने बताया कि भूपपुर, खारा, टोका, गुलाबगढ़ और पुरूवाला क्षेत्र में कई जगह धान की फसल में कीड़ा पन रहा है। बता दें कि जिले में 5,000 हेक्टेयर पर धान की खेती की जा रही है। जिले में सबसे ज्यादा पांवटा साहिब घाटी में इसका उत्पादन हो रहा है। पिछले दो तीन साल से धान की फसल किसी न किसी रोग की चपेट में आ रही है।
कीड़ा लगने की शिकायत मिली है। किसान एक लीटर पानी में 0.5 मिली कोराजन दवा मिलाकर फसल पर छिड़काव करें। इसके अलावा इमामामेक्टिन बैंजोएट दवा भी इसी मात्रा में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। यानी एक बीघा फसल में 15 लीटर पानी के पंप से इन दवाओं का 3 से 4 बार छिड़काव करें। भूपपुर क्षेत्र में वैज्ञानिक ने भी फसल का परीक्षण किया है।- डॉ. पंकज मित्तल, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं