राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में सोशल मीडिया के गैरजरूरी उपयोग और वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
इस आदेश के अनुसार, शैक्षिक संस्थानों में किसी भी प्रकार के गैर-शैक्षिक वीडियो और रील्स बनाने की अनुमति नहीं होगी।सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य और उप निदेशकों को इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से ध्यान देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कदम से राज्यभर में लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि स्कूल के घंटों के दौरान कुछ शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं और खुद या अन्य साथियों के साथ वीडियो और रील्स बना रहे हैं।इससे विद्यार्थियों का ध्यान भटक रहा है और यह उनके शैक्षिक विकास, खेल गतिविधियों और अन्य सह-पाठ्यक्रमों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
सरकार का मानना है कि ये गतिविधियां समय और ऊर्जा की बर्बादी कर रही हैं, और छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न कर रही हैं।कुछ अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर घंटों बर्बाद होने से बच्चों की पढ़ाई और मानसिक विकास पर असर पड़ रहा है।
इस कदम से बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से बचाने में मदद मिलेगी और उनकी ऊर्जा शैक्षिक कार्यों में लग सकेगी।नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को शैक्षिक प्रदर्शन, व्यक्तित्व विकास, संस्थान निर्माण और राष्ट्र निर्माण जैसी गतिविधियों में प्रेरित किया जाना चाहिए।
स्कूलों और कॉलेजों में शैक्षिक वातावरण बनाए रखने और विद्यार्थियों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल रुकना जरूरी है।यह कदम राज्य सरकार की तरफ से एक सख्त कदम है, जो सोशल मीडिया की नकारात्मकता से छात्रों को बचाने की दिशा में उठाया गया है।
यह देखना होगा कि इस आदेश का वास्तविक प्रभाव क्या होगा, लेकिन इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को बेहतर और संरचित शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है।