हिमाचल में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द- अस्पतालों को 24 घंटे तैयार रखने के मिले निर्देश

हिमाचल में डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द- अस्पतालों को 24 घंटे तैयार रखने के मिले निर्देश

राइट न्यूज हिमाचल

पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में इन दिनों सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए जवाबी एयर स्ट्राइक के बाद देशभर में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने की एडवाइजरी जारी की गई है, जिसे हिमाचल सरकार ने पूरी गंभीरता से लागू कर दिया है।

प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग को लेकर कड़े कदम उठाए हैं। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की लंबी छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। निर्देश दिए गए हैं कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध कराए जाएं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। साथ ही ट्रॉमा सेंटर, लेबोरेट्री सेवाएं और इमरजेंसी विभाग को 24 घंटे सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

ऊना और बिलासपुर के उपायुक्तों ने एहतियात के तौर पर ब्लैकआउट एडवाइजरी जारी कर दी है। नागरिकों से घर के भीतर ही रहने और सभी रोशनियों को बंद करने को कहा गया है। ऊना जिला में शनिवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कांगड़ा डीसी से फोन पर बात कर पंजाब बॉर्डर से सटे क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

राज्य के दो अहम एयरपोर्ट—शिमला और धर्मशाला (गगल)—को फिलहाल अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इन एयरपोर्ट्स का उपयोग अब केवल सैन्य जरूरतों के लिए किया जा सकेगा। सूत्रों के मुताबिक, सेना के लिए रनवे पूरी तरह तैयार रखे गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में कार्रवाई की जा सके।प्रदेश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को आपात बैठक बुलाई है।

इसमें मुख्य सचिव, गृह विभाग के अधिकारी, पुलिस महानिदेशक और चारों रेंज के डीआईजी हिस्सा लेंगे। बैठक में विशेषकर सीमावर्ती जिलों, बिजली परियोजनाओं, तीर्थ स्थलों और पर्यटन केंद्रों की सुरक्षा पर चर्चा होगी। धर्मशाला, शिमला, मनाली, खजियार और मैक्लोडगंज जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। प्रदेश में प्रवेश करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज को सतर्क रहकर निरंतर अपडेट देने को कहा है।शिमला में देर रात डीसी कार्यालय में एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में निर्देश दिया गया कि यदि सायरन बजता है तो नागरिक तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाएं और किसी भी अफवाह से बचें। प्रशासन ने लोगों से कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस या प्रशासन को दें।

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान ने बताया कि स्थिति पर सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा, “जहां ज़रूरत होगी, वहां ब्लैकआउट किया जाएगा और जनता से सहयोग की अपेक्षा है।” उन्होंने यह भी बताया कि सभी उपायुक्तों को स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने की पूरी छूट दी गई है ताकि त्वरित कार्रवाई संभव हो सके।

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