राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश के सिरमौर जिले की रास्त पंचायत के खिजवाड़ी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद हर किसी की आंख नम है। इस हृदय विदारक हादसे में तीन साल के मासूम लक्ष्य ने एक ही पल में अपने मां-बाप दोनों का साया तो खोया ही, उसके साथ अठखेलियों करने वाली तीन बहनें भी हमेशा के लिए अपने भाई को अकेला छोड़ गईं। सोमवार देर शाम को पोस्टमार्टम के बाद मां के साथ तीनों मासूम बच्चियों का खिजवाड़ी गांव के श्मशानघाट में एक चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। गांव के साथ लगती दोगरी राकसोड़ी में रविवार को भारी बारिश के बीच रसोई में सोये प्रदीप (30) के परिवार पर कुदरत का ऐसा कहर टूटा कि एक साथ परिवार के पांच लोग हमेशा के लिए दुनिया से रुखसत हो गए। हादसे में प्रदीप समेत पत्नी 27 वर्षीय ममता और 8 साल की ईशिता, 6 साल की अलीशा और 2 साल की ऐरंग की मौत हो गई।
अब परिवार में सिर्फ तीन साल लक्ष्य बचा है। वह हादसे के वक्त दादा दौलतराम और दादी मेहंदी देवी के पास खिजवाड़ी गांव में था। लक्ष्य दादा-दादी के पास उनके बेटे प्रदीप की एकमात्र निशानी बची है। एक पल में ही बुजुर्ग दौलतराम के बेटे सहित उसका हंसता खेलता परिवार मौत के आगोश में समा गया। रात भर मलबे में दबा परिवार मदद के लिए चीख पुकार करता रहा और मासूम बच्चे अपनी मां के आंचल से लिपटकर मदद का इंतजार करते रहे। हादसे को करीब 12 घंटों से ज्यादा का समय बीत चुका था। मलबे में दबे परिवार के सदस्य अब मदद की उम्मीद भी शायद छोड़ चुके थे। मलबे में प्रदीप की भांजी 7 साल की आकांशिका भी थी, जो सोमवार सुबह तक जिंदगी से जंग हार गए। प्रदीप ने भी सोमवार शाम तक दम तोड़ दिया।