सज गईं सूबे की शक्तिपीठ, ज्वालामुखी में पारंपरिक झंडा रस्म के साथ शारदीय नवरात्र शुरू

सज गईं सूबे की शक्तिपीठ, ज्वालामुखी में पारंपरिक झंडा रस्म के साथ शारदीय नवरात्र शुरू

आश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं। इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो सुख-समृद्धि, राष्ट्र उन्नति और कल्याण का प्रतीक है। इसके अलावा इस तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है। हिमाचल में शारदीय नवरात्र के लिए प्रदेश की शक्तिपीठ और मंदिर सज चुके हैं। सोमवार को पहले नवरात्र पर सुबह चार बजे से ही मंदिरों में घंटियां बजना और जयकारे लगना शुरू हो गए थे।  प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी में मंदिर के  रात दो बजे से ही कपाट खुल गए थे।

छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में तड़के चार बजे, कांगड़ा की तीनों शक्तिपीठों में सुबह पांच बजे श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किए। नवरात्र के लिए मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों और बाहरी राज्य से मंगवाए गए फूलों से सजाया गया है। सुरक्षा के लिए श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में 50, कांगड़ा में 30 और ज्वालामुखी में 120 जवान और होमगार्ड तैनात किए गए हैं। माता चिंतपूर्णी मंदिर साढ़े पांच से छह बजे के बीच माता रानी को भोग लगाया और आरती की। कन्या पूजन किया गया।  श्री नयना देवी मंदिर 24 घंटे में रात 12 से 2 बजे तक बंद रहेगा। दिन में 12 से 12:30 तक मंदिर बंद रहेगा।

झंडा रस्म के साथ शक्तिपीठ ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्रि मेले का आगाज
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में शारदीय नवरात्र मेले सोमवार से शुरू हो गए हैं। शक्तिपीठ में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। 5:00 बजे सुबह आरती के बाद श्रद्धालु व स्थानीय लोग दर्शन के लिए जा सके और नवरात्रि व जागरण करने वाले माता की ज्योति अपने साथ लेकर गए। पूरे मंदिर परिसर व गर्भ गृह को रंग-बिरंगी लाइट्स व ताजे फूलों से सजाया गया है। मां के जयकारों से मां का दरबार गूंज उठा और पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। ज्वालामुखी मंदिर में सुबह विधिवत पूजा-अर्चना झंडा रस्म, कन्या पूजन, घट स्थापना के साथ विधायक संजय रत्न ने नवरात्रि का आगाज किया। इस मौके पर उनके साथ एसडीएम डॉ. संजीव शर्मा, डीएसपी आरपी जसवाल, मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा, न्यास सदस्य व प्रधान दिव्यांशु भूषण, अविनेंद्र शर्मा व पुजारी वर्ग माैजूद रहे। विधिवत मंत्रों के साथ झंडा रस्म की गई और नए झंडों की पूजा-अर्चना कर उन्हें मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया। विधायक संजय रत्न ने सभी प्रदेशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रसाशन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए गए हैं। पुजारी महासभा प्रधान अविनेंद्र शर्मा व समस्त पुजारी वर्ग ने जनता को नवरात्रि की शुभ कामनाएं दीं।  शारदीय अश्विन नवरात्र मेले 22 सितंबर से 2 अक्तूबर तक चलेंगे। 
 

प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में  शारदीय नवरात्र मेले का शुभारंभ
प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता चिंतपूर्णी के दरबार में सोमवार से शारदीय नवरात्र मेले का शुभारंभ किया गया। पहले नवरात्र पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में नतमस्तक होकर पवित्र पिंडी के दर्शन किए। मेले के चलते चिंतपूर्णी मंदिर को देश-विदेश से मंगवाए गए रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है, जिससे मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है। वहीं प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को मुलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। इसके साथ ही समूचे मेला क्षेत्र में चार सैक्टरों में बांटा गया है। वहीं श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची के साथ ही मंदिर में दर्शनों की अनुमति दी जा रही है।

उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बाला सुंदरी त्रिलोकपुर में नवरात्र मेला शुरू
नाहन। उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया माता बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर में सोमवार से नवरात्र मेले का आगाज हो गया है। सिरमौर के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एलआर वर्मा ने  विधिवत पूजा-अर्चना के बाद नवरात्र मेले का शुभारंभ किया। नवरात्र के पहले ही दिन सुबह करीब 4:00 बजे के बाद से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं।  सुरक्षा के मद्देनजर यहां पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेला क्षेत्र में करीब 350 सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। वहीं मेला स्थल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र को सेक्टर में बांटा गया है। शक्तिपीठ त्रिलोकपुर में न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि बाहरी राज्यों हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब आदि से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

बड़ूही: सिद्ध पीठ कामाख्या देव मंदिर में देवी भागवत कथा व शोभायात्रा का आयोजन
सिद्ध पीठ कामाख्या देव मंदिर, पोलियां पुरोहिता में धार्मिक उल्लास और श्रद्धा के साथ देवी भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। माता रानी के आशीर्वाद और क्षेत्रवासियों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम का आगाज विधिवत पूजा-अर्चना, हवन और मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। मंदिर प्रांगण में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस अवसर पर एक भव्य व विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में माता रानी की प्रतिमा को सुसज्जित रथ पर विराजमान किया गया, जिसका जगह-जगह श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। मंदिर समिति के प्रधान ने जानकारी दी कि देवी भागवत कथा का आयोजन 1 अक्तूबर तक प्रतिदिन दोपहर बाद से संध्या तक किया जाएगा। 

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