राईट न्यूज / हिमाचल
प्रदेश में अब स्कॉलरशिप योजनाओं में किसी प्रकार की धांधली नहीं हो पाएगी। सरकार के निर्देशानुसार अब बायोमीट्रिक प्रमाणिकता अनिवार्य कर दी गई है। संबंधित जिले के उपनिदेशक, मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य सहित स्कॉलरशिप प्रभारी के अंगूठे के निशान लगेंगे। साथ ही योजना में आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की भी बायोमीट्रिक प्रमाणिकता की जाएगी।
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के तहत विभिन्न मैट्रिक और प्री-मैट्रिक योजना के तहत अब यह व्यवस्था रहेगी। शिक्षा निदेशालय की ओर से इस संदर्भ प्रदेश भर के समस्त जिला उपनिदेशकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए है, साथ ही बायोमीट्रिक प्रमाणिकता के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार की इन योजनाओं में काफी गड़बड़झाला हुआ है। योजनाओं में गड़बड़ी की वजह से स्कॉलरशिप की राशि मे धांधली हुई। पात्रों तक इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाया। मगर अब सरकार अब इस मामले को लेकर सख्त हो गई है। स्कॉलरशिप के हर चरण से अधिकारियों की बायोमीट्रिक प्रमाणिकता होगी। साथ ही आवेदन करने वाले बच्चों की भी इसी तरह प्रमाणिकता ली जाएगी। शिक्षा उपनिदेशक चंबा प्यार सिंह चाढ़क ने कहा कि अब बायोमीट्रिक प्रमाणिकता अनिवार्य कर दी गई है। बच्चों से लेकर अधिकारियों की भी बायोमीट्रिक प्रमाणिकता होगी।
बिना ओटीपी नहीं खुलेगा पोर्टल
नए निर्देशों के मुताबिक बिना ओटीपी के स्कॉलरशिप पोर्टल नहीं खुल पाएगा। उपनिदेशक, स्कूल प्रधानाचार्य, मुख्याध्याक, स्कूल स्कॉलरशिप प्रभारी की पहले बायोमीट्रिक प्रमाणिकता होगी। प्रमाणिकता हो जाने के बाद संबंधित उपनिदेशक को ओटीपी मिलेगा। इसके बाद स्कूलों में लोक मित्र केंद्रों की टीमें जाकर बच्चों की बायोमीट्रिक प्रमाणिकता करेंगी। स्कॉलरशिप योजनाओं में धांधली रोकने के लिए यह नई व्यवस्था बनाई गई है।