केंद्र ने बांधे हिमाचल के हाथ, हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति अटकी, छात्रवृत्ति घोटाला मामला

केंद्र ने बांधे हिमाचल के हाथ, हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति अटकी, छात्रवृत्ति घोटाला मामला

राईट न्यूज / शिमला

250 करोड़ रुपये से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के बाद केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के हाथ बांध दिए हैं। प्री मैट्रिक स्कालरशिप योजना में केंद्र सरकार से शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 का बजट अभी तक नहीं मिला है। इससे ओबीसी और अनुसूचित जाति के करीब 83,489 छात्र-छात्राओं को दो साल से छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है।

इन विद्यार्थियों को 000 से 0000 रुपये तक सालाना छात्रवृत्ति राशि मिलती है। योजना के तहत ओबीसी वर्ग के 14314 विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2018-19, 14244 विद्यार्थियों को वर्ष 2019-20 और 10426 विद्यार्थियों को वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र से राशि नहीं मिली है।

अनुसूचित जाति के 24061 विद्यार्थियों को 2018-19 और 20444 विद्यार्थियों को वर्ष 2019-20 के लिए बजट जारी नहीं हुआ है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के 652 विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2018-19 और इसी योजना में ओबीसी वर्ग के 188 विद्यार्थियों को 2018-19 के लिए बजट जारी करने का मामला अभी प्रदेश सरकार के विचाराधीन है।

वहीं, 258 विद्यार्थियों की गलत बैंक खातों की जानकारी देने के चलते छात्रवृत्ति रुकी हुई है। डॉ. अंबेदकर मेधावी छात्रवृत्ति योजना में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अनुसूचित जाति के 70, ओबीसी के 138 और ठाकुर सेन नेगी उत्कृष्ट छात्रवृत्ति योजना में 50 विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियां रुकी हुई हैं।

राशि जारी करने के लिए केंद्र के साथ पत्राचार जारी है। 2020-21 के लिए अधिकांश विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी कर दी है। जिन विद्यार्थियों की औपचारिकताएं पूरी नहीं हैं, उनसे दस्तावेज मांगे गए हैं। – गोविंद सिंह ठाकुर, शिक्षा मंत्री 

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