राइट न्यूज / हिमाचल
फरवरी, 2025 को रुबीना उस्मान कुरैशी नाम की एक लडक़ी रात के समय में अकेली घूमती हुई पंडोगा पुलिस को संदिग्ध अवस्था में मिली। जिसका नाम पता पूछने पर अपना नाम रुबीना निवासी मुंबई बता रही थी। इससे ज्यादा जानकारी पुलिस को नहीं दे पा रही थी। पंडोगा पुलिस ने उक्त महिला को रहने की व्यवस्था घालूवाल वन स्टॉप सेंटर में की। हरोली पुलिस थाना प्रभारी सुनील कुमार संख्यान और उनकी टीम रुबीना का असल ठिकाना पता लगाने में जुटी रही और आखिरकार करीब 18 दिन के बाद हरोली पुलिस को रुबीना की रिहायश का पता मुंबई पुलिस से संपर्क करके चल पाया। मुंबई पुलिस से संपर्क करके हरोली पुलिस ने रुबीना के भाई से संपर्क साधा और मुंबई पुलिस की मधु नामक पुलिस कर्मचारी ने हरोली पुलिस से संपर्क साधकर रुबीना का सही पता बतलाकर उसके भाई को जानकारी दी। इसके परिवारजनों का पता लगाने के लिए हरोली पुलिस, मुंबई पुलिस से संपर्क में थी और रुबीना का वीडियो बनाकर मुंबई पुलिस को भेजा गया था, जो संबंधित थाना के एक कर्मचारियों ने अपने इलाका में भेजा था।
जहां से रुबीना के परिवारजनों की पहचान हुई और आखिरकार रुबीना अपने परिवारजनों से नौ वर्ष बाद मिल पाई। हैरानी की बात यह थी कि रुबीना के पिता किसी कारणवश अपनी बेटी की मिसिंग की रिपोर्ट भी दर्ज न कर सके थे और तीन वर्ष पहले उनका देहांत हो चुका है तथा भाई को भी अपनी बहन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी कि वह कहां पर और कैसे गुम हुई थी। वन स्टॉप सेंटर की संचालक कांता देवी, उपप्रधान अनिल, थाना हरोली की टीम तथा पंडोगा चौकी की टीम ने मुंबई से आए रुबीना के भाई का पता सत्यापित करने के बाद रुबीना को वापस उसके परिवारजनों के पास सौंप कर मुंबई भेजा है। पंडोगा चौकी से महिला कर्मचारी पूनम ने उक्त महिला की पहचान करवाने में विशेष मदद की है।