खास बाते
विदेशी उपकरणों और आधुनिक तकनीक से बनी टनल को एक शताब्दी तक मरम्मत की जरूरत नहीं
बीआरओ का दावा, सुरंग में नहीं लगाया गया है चीन का एक भी उपकरण
कोरोना काल में भी नियमित कार्य न होता तो एक साल की और होती देरी
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग 10 हजार फीट पर बनने वाली विश्व की सबसे लबी सुरंग है। टनल के तैयार होने की खबर से देश और विदेश के लोग इससे गुजरने को लेकर खासे उत्सुक हैं। टनल में आधुनिक स्तर के विदेशी उपकरण लगाए गए हैं। इस कारण टनल को अगले 100 साल तक मरम्मत की जरूरत नहीं होगी। हालांकि यह भी दावा किया गया है कि टनल निर्माण में चीन का एक भी उपकरण नहीं लगाया गया है।
अटल टनल रोहतांग के उच्च अधिकारी ने बताया कि सुरंग में जो भी हार्ड मैटीरियल लगाया गया है, उसमें आने वाले 100 वर्षों तक कोई खराबी नहीं आएगी। कोई प्राकृतिक आपदा आने पर ही टनल के उपकरण बदलने पड़ सकते हैं। वे भी उसी स्थान पर, जहां नुकसान हुआ हो। कोरोना काल के दौरान भी बड़ी सावधानी से टनल का कार्य किया जाता रहा, जिस कारण टनल समय पर बनकर तैयार हुई है। टनल निर्माण के लिए ठेकेदार और उनके श्रमिकों को बुलाया गया।
सीमेंट फैक्टरियों में उत्पादन आरंभ करवाया गया। अगर कोरोना काल के दौरान बीआरओ टनल के लक्ष्य के प्रति जागरूक नहीं होता, तो इसके निर्माण में एक वर्ष और लग सकता था। टनल में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, आस्ट्रिया सहित अन्य देशों से उपकरण मंगवाकर लगाए गए हैं, लेकिन इसमें चीन निर्मित सामान नहीं लगा है। गौर हो कि सितंबर आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।