राईट न्यूज / पांवटा साहिब
बद्रीपुर पंचायत उप चुनाव का बिगुल बज चुका है, पंचायत में चुनावी हलचल के बीच शिकायतों की गूंज से सियासत की तासीर जरूर गरमा गई है। चुनावी मैदान फतह करने की हसरत लिए दावेदार पूर्व प्रधान के समय भ्रष्टाचार के मुद्दे को अब हथियार बनाकर पूर्व प्रधान की घेराबंदी में जुट गए हैं। ऐसे में शिकायतों की रफ्तार ने तेजी पकड़ ली है। भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर हुई शिकायतें इस बात की पुष्टि करती हैं। कि चुनाव मे पूर्व प्रधान के समय हुआ भ्रष्टाचार परमूख मुदा बन चुका है। प्रतिद्वंद्वी राजबीर सिंह राजा के साथ जनता भी भ्रष्टाचारी को चित करने का मन बना चुकी हैं।
2015 में हुए पंचायत चुनाव के बाद प्रधान ने गांव की सरकार पर राज किया। इस दरम्यान गांव में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले किसी से छिपे नहीं है। भवन खुंबी वाला सामाजिक रसोई के निर्माण के नाम पर हुई धांधली और सीमेंट और ईट घोटाला करने के किस्से पंचायत में अनगिनत हैं। पूर्व प्रधान पर लंबे समय से ऐसे आरोप लगते आ रहे थे। कई मामलों में कार्रवाई भी हुई और पैसा भी जमा करवाना पड़ा। लगभग 119000 रूपया जमा करवाना पड़ा। जिस से ये साबित हो गया की दाल मे काला नही दाल पूरी ही काली थी। अब ऐसे में आजकल की समझदार जनता जो दो वक्त की रोटी के जुगाड मे दिन रात मेहनत करती है। वो ऐसे भ्रष्टाचारियों को प्रधानी कैसे सौप देगी।