राहुल गांधी सोनीपत के बरोदा हलके के गांव के खेतों में काम कर रहे किसानों के बीच पहुंचे। उनके पहुंचते ही लोगों की भीड़ वहां जमा हो गई और सभी अपना काम छोड़कर उनसे मिलने के लिए आने लगे। इस दौरान किसान भी उनके साथ ट्रैक्टर पर नजर आए। राहुल को खेत में देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।
राहुल खेतों में धान भी रोपते नजर आए। खेत में काम करते हुए उन्होंने किसानों और गांव वालों के साथ वीडियो भी बनाया और राहुल के साथ फोटो भी खिंचवाईं । इस दौरान, खेतों में मौजूद किसान भी काफी खुश नजर आ रहे थे।
इस दौरान, राहुल खेत में मौजूद किसानों से बातचीत करते हुए भी नजर आए।राहुल गांधी ने गांव की महिलाओं और बच्चों से भी बातचीत की. लोगों ने भी उनसे अपने मुद्दे साझा किए। रात भर हुई बारिश के कारण खेतों में पानी भी भरा था, लेकिन राहुल पेंट ऊपर चढ़ाकर किसानों से मिलने के लिए खेत में ही पहुंच गए।
खेतों में सुबह-सुबह किसान अपने कामों में लगे थे, राहुल गांधी अपने काफिले के साथ दिल्ली से शिमला जा रहे थे लेकिन जैसे ही उन्होंने खेतो मे काम कर रहे किसान और मजदूरों को देखा अपनी गाड़ी रुकवा ली और किसानों के बिच पहुंच गए राहुल गांधी को अचानक वहां देख एकदम हलचल मच गई।
एक जमाने में मिडिल क्लास कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक हुआ करता था. लेकिन धीरे-धीरे वो वोटबैंक कांग्रेस से किनारा करता चला गया। राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो उस वोट बैंक का फिर कांग्रेस की तरफ लाना है।
राहुल गांधी के सामने ‘गांधी परिवार’ की राजनीतिक विरासत को बचाने के साथ-साथ आगे बढ़ाने की चुनौती है. इसके अलावा कांग्रेस के खोए हुए जनाधार को वापस लाने और खुद के साबित करने जैसे बड़ी चुनौती भी है।
जनता की नब्ज थामते हुए सियासत को आगे बढ़ाने का जिम्मा लिए राहुल अब कांग्रेस को नई दिशा और दशा देने का प्रयास कर रहे है. क्योंकि उन्हें लगता है कि कांग्रेस की राजनीतिक वापसी की राह शायद यहीं से बनेगी।