शिमला: नई दिल्ली लौटे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल और सीएम ने दी गरिमापूर्ण विदाई

शिमला: नई दिल्ली लौटे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल और सीएम ने दी गरिमापूर्ण विदाई

राईट न्यूज / शिमला

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को प्रदेश के चार दिवसीय दौरे के बाद रविवार को शिमला के अनाडेल हेलीपैड से गरिमापूर्ण विदाई दी गई। यहां से वायु सेना के हेलीकॉप्टर से राष्ट्रपति वापस नई दिल्ली चले गए। इस अवसर पर राष्ट्रपति को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके दौरे की तस्वीरों की फोटो एलबम भी भेंट की।

शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व की स्वर्ण जयंती अवसर पर उन्होंने प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद और स्वाति कोविंद भी शिमला आई थीं।

होटल सेसिल से डेढ़ बजे के बाद सुरक्षा बलों की विशेष मुस्तैदी के बीच राष्ट्रपति अनाडेल के लिए रवाना हुए। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार समेत कई सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी इस दौरान अनाडेल हेलीपैड पर उपस्थित थे।

खराब मौसम के कारण वायु सेना का चौथा हेलीकॉप्टर अनाडेल हेलीपैड पर लैंड नहीं हो पाया। यही वजह रही कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तय समय पर शिमला से नई दिल्ली के लिए रवाना नहीं हो पाए। अनाडेल मैदान में सेना के तीन हेलीकॉप्टर पहले से ही मौजूद थे।

चौथा हेलीकॉप्टर विजिबिलिटी में दिक्कत के कारण अनाडेल मैदान में समय पर नहीं उतर पाया। मौसम साफ होने के बाद हेलीकॉप्टर अनाडेल में उतर पाया, जिसके बाद राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, बेटी और स्टाफ के लोग नई दिल्ली जा पाए।

रोप-वे से जाखू मंदिर पहुंचने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले-हनुमान जी के चरणों से शिमला का सबसे खूबसूरत नजारा देखने का सौभाग्य मिला। दिल्ली लौटने से पहले शनिवार शाम राष्ट्रपति परिवार के साथ रोप-वे के माध्यम से जाखू मंदिर पहुंचे। रोप-वे के प्रबंधक मदन शर्मा ने बताया कि जोधा निवास स्थित लोअर टर्मिनल और जाखू मंदिर स्थित अपर टर्मिनल पर दोपहर 12 बजे ही सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया था।

सवा चार बजे राष्ट्रपति परिजनों के साथ लोअर टर्मिनल से केबिन में सवार हुए। इस दौरान परिजनों के अलावा राष्ट्रपति के मुख्य सुरक्षा अधिकारी साथ सवार हुए। जाखू मंदिर में दर्शन के बाद सवा पांच बजे रोप-वे से ही वापस लौटे। रोप- वे से आवाजाही कर राष्ट्रपति और उनके परिजन बेहद खुश थे। उन्होंने रोप-वे कर्मियों का निजी तौर पर आभार भी जताया।

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