सिटिंग कैपेसिटी के लिए हिसाब से चल सकेंगी बसे नये वाहनो पर टैक्स मे बढोत्तरी पढ़े…

सिटिंग कैपेसिटी के लिए हिसाब से चल सकेंगी बसे नये वाहनो पर टैक्स मे बढोत्तरी पढ़े…

राईट न्यूज / हिमाचल

प्रदेश के जनता सहित प्राइवेट बस आपरेटरों के लिए शुक्रवार को राहत भरी खबर है। वहीं नुक्सान में चल रही HRTC की स्थिति भी अब सुधर जाएगी, क्योंकि प्रदेश में बसों में अब सिटिंग कैपेसिटी के हिसाब से सवारियां बैठाने को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक में HRTC व प्राइवेट बस आपरेटरों की स्थिति का ध्यान रख कर व डीजल के दाम मे हो रही लगातार बढ़ोतरी के बाद सरकार ने यह मंजूरी दी है। प्रदेश में प्राइवेट बस ऑपरेटर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि बसों में 60 फीसदी सवारियां बैठाने से न तो गाड़ी की मेंटेनेंस का खर्च निकलेगा और न चालक-परिचालकों की तनख्वाह दे सकेंगे। ऐसे में सरकार ने बसों की मेंटेनेंस और अन्य खर्चों के लिए लोन देने का फैसला किया है।

प्रदेश में वाहन पंजीकरण शुल्क हुआ महंगा

सरकार ने हिमाचल में वाहन पंजीकरण शुल्क महंगा कर दिया है। पहले यह शुल्क 2.5% से 4% तक लिया जाता था। अब इसे बढ़ाकर 7% से 10% किया है। 50 हजार तक मोटरसाइकल पर सात फीसदी, 50 हजार से दो लाख तक आठ फीसदी, दो लाख व इससे ज्यादा तक 10% पंजीकरण शुल्क लगेगा। कार पर शुल्क 8% से 10% किया है। बसों में भी 10% तक शुल्क लिया जाएगा।

सितंबर तक नहीं लगेगा ग्रीन सेस और फिटनेस फीस

कैबिनेट ने वाहन मालिकों को ग्रीन सेस और फिटनेस फीस सितंबर तक माफ करने का फैसला लिया है। वाहन मालिकों से यह फीस 800 से 1000 रुपए तक ली जाती है। वाहनों की पासिंग पर अब वाहन को पेंट कराने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ मेकेनिकल व पार्टस ठीक होने चाहिए। सरकार ने छोटे बड़े सभी वाहनों पर टैक्स पर लगाई जाने वाली पेनल्टी भी माफ कर दी है।

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