राईट न्यूज / सिरमौर
लगभग 1 साल से चल रहे किसान आंदोलन का फायदा हिमाचल प्रदेश के किसानों को जरूर हुआ है। गेंहू की खरीद के बाद अब धान की खरीद करना सरकार के लिए मजबूरी हो गया है। प्रदेश में मंडिया ना होने के कारण पहले किसानों को हरियाणा पंजाब जा कर अपनी फसल बेचनी पड़ती थी। जिस में किसानों को भाड़े पर गाड़ी लेनी पड़ती थी तब कही जा कर फसल मंडी में पहुंचती थी जिस में समय की भी बरबादी होती थी। किसान आंदोलन के दबाव में प्रदेश सरकार हिमाचल में ही फसल खरीदने को मजबूर हुई।
प्रदेश के किसानों से सरकार शुक्रवार से धान की खरीद शुरू करेगी। कृषि विभाग के पोर्टल पर प्रदेश के 42 सौ किसानों ने धान बेचने के लिए आवेदन किया है। दो दिन के भीतर इनका धान मंडियों में आएगा। खाद्य आपूर्ति विभाग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ऑनलाइन किसानों के खाते में पैसा भेज देगा। किसानों से 1940 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद की जाएगी। कृषि विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग को 54 हजार मीट्रिक टन धान की स्टोरेज क्षमता करने के लिए कहा है। खरीद इससे ज्यादा ही होगी। मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने खाद्य आपूर्ति विभाग को धान की खरीद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कहा गया है कि किसानों को धान बेचने बाहर जाने की जरूरत नहीं है। उन्हें बाहरी राज्यों की अपेक्षा हिमाचल में ही धान के अच्छे दाम मिलेंगे।
प्रदेश में पहली बार धान की खरीद हो रही है। इससे पहले लोग पंजाब और हरियाणा जाकर धान बेचते थे। कई बार किसानों को अच्छे रेट नहीं मिलते थे। प्रदेश में पांवटा साहिब , ऊना, नालागढ़, रियाली फतेहपुर, अनाज मंडी फतेहपुर, त्यौरा इंदौरा मंडियों में धान की खरीद होगी। कोरोना के चलते मंडियों में भीड़ न हो, इसके चलते सरकार ने प्रतिदिन 2 5 से 50 तक स्टॉल बुक करने का फैसला लिया है। एफसीआई के माध्यम से जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में खोले गए धान खरीद केंद्रों में फसल बेचने के लिए किसानों में जबरदस्त उत्साह है। उधर ऊना के टकारला केंद्र पर 15 और 16 अक्तूबर के सभी स्लॉट किसानों ने बुक कर लिए हैं। अगले दो दिन के लिए भी स्लॉट की बुकिंग शुरू कर दी है। हर दिन के लिए 25 स्लॉट रखे गए हैं, जिससे कोरोना नियमों की अनुपालना सुनिश्चित बनाई जा सके। इसके अलावा पांवटा साहिब , नालागढ़, रियाली फतेहपुर, अनाज मंडी फतेहपुर, त्यौरा इंदौरा मंडियों में धान बेचने के लिए लोग स्लॉट बुक कर रहे हैं।