राईट न्यूज / पावंटा साहिब
हिमाचल कांग्रेस कमेटी के महासचिव अनिंद्र सिंह नॉटी ने पावँटा साहिब में जारी एक बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के एक नए आदेश जिस पर स्थानीय वन मंडल अधिकारी द्वारा एक किसान विरोधी आदेश पारित किया गया है।
नौटी ने कहा कि इस आदेश के माध्यम से किसानों को घरेलू उपयोग और रियायती प्रजाति (Exempted) जैसे पॉपुलर सफेदा आदि की बिक्री पर भी ऐसी शर्ते लगा दी गई है जो बहुत हैरान करने वाली तथा गरीब किसानों के शोषण को जन्म देती हैं। जैसे घरेलू उपयोग के लिए भी अब 1-2 पेड़ अपनी निजी संपत्ति से काटने के लिए परमिशन और बहुत से प्रमाण पत्रों की जरूरत होगी।
उन्होने कहा कि पॉपुलर और सफेद ए जैसी 23 प्रजातियां जो पहले हिमाचल प्रदेश में Exempted (छूट प्राप्त) रियायती यानी कैश क्रॉप में मानी जाती थी अब उनके कटान के लिए भी नई शर्ते लगा दी गई हैं, इनको सरकारी व रजिस्टर ठेकेदार से ही कटवाना पड़ेगा और इसके लिए पंचायत तथा पटवारखाना स्तर से लेकर रेंज अधिकारी तक कई कागज जुटाने होंगे।
इसके बाद एक पेड़ की जगह कई पेड़ लगाने होंगे और बदले में एक एफडीआर भी जमा करवानी होगी।इस आदेश के बाद किसानों में भारी रोष है और वन विभाग के शिमला स्थित मुख्यालय से भी अधिकारियों से इस बारे में चर्चा की गई है और इसका कोई सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश जारी है।
वन मंडल अधिकारी के माध्यम से आला अधिकारियों को भेजा पत्र…
वन मंडल अधिकारी के कार्यालय के द्वारा एक सरकार व वन विभाग के उच्च अधिकारियों को भी कांग्रेस द्वारा एक पत्र भेजा है और इस आदेश को तत्काल लिखित रूप से वापस लेने का निवेदन किया है। ताकि इससे जो भी भ्रांतियों उपजी हैं उस बारे में किसानों को स्पष्टता आए और संबंधित रेंज अधिकारी व फील्ड स्टाफ को भी नए निर्देश दिए जाएं। अगर यह आदेश जारी रहता है तो भविष्य में ना तो किसान इन पेड़ों की फसल के रूप में खेती करेंगे और स्टाफ तथा किसानों के बीच में गतिरोध लगातार बना रहेगा।
अनिन्द्र नौटी ने कहा कि किसान पहले से ही परेशान व बदहाल किसान फसल काटने के लिए भी अगर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर किया जाएगा तो किसान के पास खेती के लिए समय कब रहेगा।
इस मौके पर रिटायर्ड तहसीलदार स. जसमेर सिंह, चंद्रजोत सिंह, अमरीक सिंह, संदीप बत्रा, राजेंद्र राणा, जोगिंदर चौधरी, शाजिद हाशमी, सलामदीन, मो. लतीफ, परविंदर सिंह बिट्टू, हैप्पी सहित स्थानीय किसान मौजूद थे।