राईट न्यूज / हिमाचल
शनिवार को नई दिल्ली मे हुई नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत जमा 9,242.60 करोड़ वापस मांगे। उन्होंने इसके लिए केंद्र से पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को निर्देश जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने एनपीएस के अंतर्गत पिछले वित्त वर्ष की जमा राशि 1,779 करोड़ को वर्तमान वित्त वर्ष की उधार सीमा से कम न करने और 27 मार्च, 2023 के निर्णय की समीक्षा का आग्रह किया। उन्होंने भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन के लिए 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण और भूमि अधिग्रहण लागत को राज्य अंशदान के रूप में मानने का अनुरोध किया।
नीति आयोग की आठवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में बुनियादी ढांचे और निवेश, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य व पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति और वर्ष 2047 तक विकसित भारत विषयों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य पर अगले तीन वर्षों के लिए बाहरी सहायता प्राप्त करने की सीमा हटाने और पहले की स्थिति बहाल करने का भी आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय आर्थिक कार्य विभाग को प्रस्तुत प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण को पूरा करने के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग के अलावा रोपवे परियोजनाओं को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल करने का आग्रह किया। ई-बसों की खरीद के लिए केंद्र से दी जाने वाली वित्तीय सहायता के तहत ओपेक्स मॉडल यानी परिचालन व्यय के साथ कैपेक्स मॉडल यानी पूंजीगत व्यय का विकल्प देने का आग्रह किया। सुक्खू ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एचआरटीसी की अधिकांश डीजल बसों को ई-बसों से बदला जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत योजना बनाई जा रही है। 2000 करोड़ का विश्व बैंक पोषित प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम, विश्व बैंक के साथ अंतिम दौर की चर्चा के बाद जल्द शुरू किया जाएगा। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 20 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने के प्रयास के अलावा 40,000 प्रत्यक्ष और 50,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने का प्रयास किया जाएगा। कहा कि राज्य में बेसहारा और अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की गई है। योजना के लिए 101 करोड़ की प्रारंभिक राशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित किया गया है। उन्होंने हिमाचल को देश का सबसे विकसित और समृद्ध राज्य बनाने के वर्तमान सरकार के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र और नीति आयोग से सहयोग मांगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी उपस्थित थे।