राईट न्यूज / कांगड़ा
प्रदेश में बीपीएल सूचियां हमेशा ही विवादों में घिरती रही हैं। मजाल है, इस मामले में कोई भी राजनेता या फिर प्रशासनिक अधिकारी (Administrative Officer) गंभीरता से दखल दे। मगर सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के लंबा गांव विकास खंड की टिंबर पंचायत की 22 वर्षीय प्रधान नेहा वर्मा ने गरीबों को जायज हक दिलवाने का संकल्प लिया है। 5 ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया है, जो चौपहिया वाहनों के मालिक हैं।
2 अक्तूबर 2021 को प्रस्तावित ग्राम सभा के लिए भी नेहा ने खासा होमवर्क कर लिया है, ताकि अपात्र लाभार्थियों को बीपीएल सूची से बाहर किया जाए। 25 साल से अपात्र लोग गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। ऐसे भी लोग बीपीएल सूची में है, जिनकी मनरेगा में एक भी दिहाड़ी नहीं है। एक सवाल के जवाब में कहा कि पंचायत में 165 बीपीएल परिवार हैं। 50 से अधिक ऐसे परिवार हो सकते हैं, जिनकी पात्रता नहीं बनती। बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए लगभग 70 आवेदन (Applications) आए हुए हैं। ग्राम सभा की बैठक में चर्चा की जाएगी।
बता दें कि राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में इस तरह का बोल्ड स्टैप उठाने वाली नेहा पहली पंचायत प्रधान है। उनका कहना था कि ऐसे व्यक्तियों को भी सूची से बाहर किया जाएगा, जो पंचायत में नशीली दवाओं या अवैध शराब के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उनका कहना था कि फिलहाल 5 चौपहिया वाहन रखने वाले लोगों को बीपीएल सूची से बाहर किया गया है। कुछ लोग कानूनी पेचीदगी के कारण बचे हुए भी हैं, जिन्हें जल्द सूची से बाहर किया जाएगा। उनका कहना है कि बीपीएल को लेकर उपलब्ध गाइडलाइन्स की सौ फीसदी पालना की जाएगी। इसके लिए वो कोई संकोच नहीं करेंगी। उन्होंने बताया कि कई लोग आरटीआई (RTI) मांगने की भी धमकियां देते हैं। कुछ ने मांगी भी हैं।
सुबह 10 से शाम 5 बजे तक…
नेहा ने बताया कि वो सुबह 10 बजे पंचायत घर पहुंच जाती हैं। शाम 5 बजे तक कार्य में जुटी रहती हैं। कई बार देर भी हो जाती है। घर से खाना लेकर आती हैं। अगर घर से खाना न लाए तो परिवार का कोई सदस्य छोड़ देता है। उनका कहना था कि वो अपने कार्य में इस कारण भी अच्छा महसूस कर रही है क्योंकि परिवार का पूरा सहयोग है। साथ ही वास्तव में गरीबों का जीवन बदलने का बीड़ा उठाया है।
कैरियर को लेकर पूछे गए सवाल के बारे में नेहा ने कहा कि वो राजनीतिक विज्ञान (Political Science) में स्नातकोत्तर (Post graduate) करना चाहती हैं। दिसंबर में चुनाव के कारण दाखिला नहीं ले पाई थी। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वो दूरसंचार के माध्यम से ही अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाएं