नवजोत सिंह सिद्धू ने CM सुक्खू से की मुलाकात, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने?

नवजोत सिंह सिद्धू ने CM सुक्खू से की मुलाकात, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने?

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर हैं. शनिवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) से मुलाकात की. यह मुलाकात दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में हुई. साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

लोकसभा चुनाव पर कांग्रेस की नजर

हिमाचल प्रदेश और पंजाब दोनों पड़ोसी राज्य हैं. दोनों राज्यों की राजनीतिक परिस्थिति का असर एक-दूसरे राज्य पर पड़ता है. बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की जीत के दो अलग-अलग पहलू हैं. ऐसे में इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल कांग्रेस की जीत के फार्मूले को लेकर भी नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बातचीत की. अब पंजाब और हिमाचल कांग्रेस की नजर लोकसभा चुनाव पर है. कांग्रेस की कोशिश है कि हिमाचल प्रदेश जैसा प्रदर्शन पंजाब राज्य में भी हो और हिमाचल भी लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव का परफॉर्मेंस दोहरा सके।

सेस लगाने के मामले में भी मांगा है साथ

इसके अलावा हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चल रही जल विद्युत परियोजनाओं पर उपकर भी लगाया है. इसे लेकर पंजाब और हरियाणा दोनों ही हिमाचल प्रदेश से नाराज चल रहे हैं. केंद्र सरकार ने भी इसे लेकर हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों को इस तरह के उपकर न लगाने की हिदायत दी थी. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पंजाब राज्य को इस बारे में समझाने के लिए सरदार नवजोत सिंह सिद्धू का साथ मांगा है. दोनों नेता मिलकर हिमाचल प्रदेश और पंजाब के साझे विकास पर काम करने की बात कर रहे हैं.

चंडीगढ़ मामले को लेकर भी हुई चर्चा?

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश का करीब 7.19 फीसदी हिस्सा चंडीगढ़ में भी आता है. हालांकि इस बारे में बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि यह केवल शिष्टाचार भेंट थी और इस मुलाकात में केवल दोनों राज्यों के विकास के बारे में चर्चा हुई है. लेकिन, यह राजनीति है और राजनीति में कोई मुलाकात बिना मंतव्य के नहीं होती. ऐसे में इस मुलाकात के भी कई मायने हैं और इस मुलाकात को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

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