उत्तर भारत की विश्व प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा आधिकारिक रूप से संपन्न हो गई है। उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि अधिकारिक तौर पर 19 अगस्त से लेकर तीन सितंबर तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस वर्ष पवित्र श्री मणिमहेश के दर्शन किए और डल झील में स्नान किया। उन्होंने कहा कि 19 अगस्त से लेकर तीन सितंबर तक 2 लाख 50 हजार जबकि 19 अगस्त से पहले भी लगभग 60 हजार श्रद्धालुओं ने श्री मणिमहेश के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान बेहतर कानून व्यवस्था व यातायात को सुचारू बनाये रखने के लिए चार राजपत्रित अधिकारियों सहित 774 पुलिस कर्मचारियों ने सेवाएं प्रदान की। जिनमे सशस्त्र वाहिनी के 308, जिला पुलिस के 160 व गृह रक्षक विभाग के 306 जवान शामिल रहे।
उपायुक्त ने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए। उन्होंने बताया कि आने वाले समय के दौरान यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने के साथ श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया। बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए भरमौर से लेकर हड़सर तक सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हड़सर से डल झील तक 55 अस्थाई शौचालय बनाने के साथ 102 नल भी स्थापित किए गए। यात्रा के विभिन्न स्थानों में अस्थाई स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए गए। इनमें चिकित्सकों सहित 83 स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवाएं प्रदान की।
राणा ने बताया कि दो हेली टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्यम से 8800 श्रद्धालुओं ने भरमौर ओर से गौरीकुंड तक आने और जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि यात्रा का अधिकारिक तौर पर आयोजन तीन सितंबर तक निर्धारित था। चार सितंबर शाम से श्री मणिमहेश यात्रा के विभिन्न स्थानों पर प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अब यात्रा ना करें।