राइट न्यूज हिमाचल
नशे की बढ़ती समस्या से जूझ रहा हिमाचल इस समय समाज से इस बुराई से लड़ने की उम्मीद कर रहा है। इस लड़ाई में पंचायतों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक ने अपने स्तर पर नशे को पकड़वाने वाले के लिए इनाम का ऐलान किया है। लेकिन अब एक मां ने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जो आगे चलकर निश्चित रूप से नशे पर निर्णायक प्रहार करने वाला साबित हो सकता है।
मंडी जिला की बल्ह घाटी के कठयांऊ गांव की एक विधवा महिला को अपने जिगर के टुकड़े को नशे में डूबा देखा नहीं गया। उसने अपने बेटे को यह कहते हुए पुलिस के हवाले कर दिया कि जब तक परिवार के सदस्य न कहें, उसे मत छोड़ना।32 साल का डुमेश्वर दत्त चिट्टे की लत में इस कदर डूब चुका था कि निकलना मुश्किल हो गया था। मां भी अपने बेटे की हालत देख परेशान थी।
वह अकसर उसे नशा न करने के लिए कहती, लेकिन नशेड़ी बेटा एक नहीं सुनता था। डुमेश्वर दत्त पिछले दो महीने से चिट्टे का नशा कर रह था। मां ने उसे बहुत समझाया कि ऐस मत कर बेटा, लेकिन वह कहां मानने वाला था।Chitta लेने के बाद युवक घर पर ही बेहोश हो जाता था। पानी सिर के ऊपर निकल गया था। फिर क्या था, परेशान मां ने पुलिस को इसकी सूचना दी और कहा कि उनके बेटे ने घर पर चिट्टा रखा है।
सूचना मिलते ही पुलिस युवक के घर पहुंची, जहां उसके कब्जे से 5.8 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। इस पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया।पीडि़त मां यशोधा देवी का कहना है कि सरकार ऐसा कानून बनाए कि चिट्टा बेचने या खरीदने वाले जेल से बाहर न निकल पाएं।
कठियांऊ पंचायत की प्रधान सरला देवी ने इस स्तर पर हौसला दिखाने के लिए यशोधा देवी की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यदि मां बाप ऐसा ही हौसला दिखाएं मंडी तो समाज को नशामुक्त करना आसान हो जाएगा।