राईट न्यूज / नेरचौक
बल्ह घाटी की शीतल आहलूवालिया भारतीय सेना में नर्सिंग सेवा में लैफ्टिनैंट पद पर तैनात हुई हैं। हालांकि शीतल की शादी हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी उसने मेहनत जारी रखी और मुकाम पा लिया। शीतल के पिता हेमराज वालिया मिल्क फैडरेशन में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत हैं और माता अमरा देवी गृहिणी हैं। शीतल के ससुर हिमाचल पथ परिवहन में वरिष्ठ स्टोर कीपर कार्यरत हैं व सास गृहिणी है जबकि पति निखिल आहलूवालिया कम्प्यूटर सैंटर चलाते हैं। शीतल की 10वीं तक की शिक्षा सरकारी स्कूल बगला जबकि 12वीं की शिक्षा भंगरोटू सरकारी स्कूल से हुई है। उसके बाद नर्सिंग स्नातक मॉडर्न नॄसग कालेज शिमला व पोस्ट स्नातक भी इसी कालेज से हुई है।
शीतल का कहना है कि जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती है, मान लो तो हार होगी और ठान लो तो जीत होगी। मैं सभी लड़कियों को यह संदेश देना चाहती हूं कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए, हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए शीतल ने कहा कि मेरी सफलता में मेरे पूरे परिवार का योगदान है, अगर मेरा परिवार मुझे हिम्मत नहीं देता तो शायद मैं यहां तक नहीं पहुंचती। इस क्षेत्र में आने के लिए हमें अपना नर्सिंग का पूरा सिलेबस अच्छे से पढ़ना चाहिए।