राईट न्यूज / लाहौल स्पीति
शीत मरुस्थल कहे जाने वाले लाहौल में ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं। इससे घाटी के नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चिनाब नदी उफान पर है। जोबरंग व जसरथ गांव के बगीचों व खेतों में पानी घुस गया है। इससे सेब के बगीचे के साथ मटर व अन्य सब्जियों की फसल तबाह हो गई है। सेब के बगीचों से नदी का पानी बह रहा है तो मटर के खेत तालाब बन गए हैं। बताया जा रहा है कि नदी के जलस्तर से जोबरंग व जसरथ गांव के आठ किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
जसरथ गांव के पन्ना लाल का सेब का बगीचा भी इसकी चपेट में आ गया और नदी का पानी बगीचे से होकर बह रहा है। वहीं जोबरंग के किसान प्रेम दास, दीपक, शेर सिंह, सीता राम, ओम प्रकाश, प्रेम लाल व प्रीतम के मटर सहित अन्य सब्जियां तबाह हो गई हैं। इन किसानाें के खेत पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। बता दें कि लाहौल घाटी का जाहलमा नाला पिछले दो सालों से गर्मी के दिनों कहर बरपा रहा है। स्थानीय लोगों ने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस तरह की आपदा से नुकसान पर किसानों की हरसंभव सहायता की जाए।