बदल गया है 20 किमी क्षेत्र का नक्शा, तबाही देख केंद्रीय टीम अचंभित,

बदल गया है 20 किमी क्षेत्र का नक्शा, तबाही देख केंद्रीय टीम अचंभित,

राईट न्यूज / कुल्लू

लारजी से सैंज के सिउंड तक बाढ़ के नुकसान का जायजा लेने पहुंची केंद्रीय टीम भी तबाही को देखकर अचंभित हो गई। बाढ़ ने सिउंड से लेकर लारजी तक करीब 20 किलोमीटर क्षेत्र का नक्शा दी बदल दिया है। शुक्रवार सुबह करीब 10:00 बजे टीम लारजी के साथ लगते बिहाली पहुंची और नुकसान का निरीक्षण शुरू किया। यहां भी बड़ी संख्या में लोगाें ने सैंज घाटी की तबाही के लिए एनएचपीसी पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि रेड अलर्ट के बीच एनएचपीसी ने सिउंड स्थित अपने डैम को खोल दिया और इसे भारी तबाही मची।

पिन पार्वती नदी से हुई तबाही के निशान हर 200 से 500 मीटर की दूरी पर नजर आ रहे थे। इसके बाद टीम सैंज पहुंची और लोगों ने नुकसान बताया। यहां भी लोगों ने तबाही के मंजर के लिए एनएचपीसी पर आरोप लगाए। रैला पंचायत दो के प्रधान जाेगिंद्र सोनी, प्रभावित राज कुमार तथा तीर्थ राम ने कहा कि बिना सूचना डैम से पानी छोड़ा गया और पलभर में बाढ के रौद्र रूप से न्यूली से लेकर लारजी तक सब खत्म कर दिया। इसके बाद टीम एनएचपीसी के सिउंड स्थित उस डैम तक भी पहुंची, जहां से पानी को छोड़ा गया था। इस दौरान घाटी के लोगों ने केंद्रीय टीम से नदी का तटीकरण करने की मांग भी रखी।

इस दौरान सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने भी टीम से मुलाकात करर इस आपदा के बाद पैदा हुए मुश्किल परिस्थितियों से अवगत करवाया तथा केंद्र से उचित सहायता के लिए रिपोर्ट भेजने का आग्रह किया। टीम में वित्तीय सलाहकार रविनेश कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय जल आयोग के निदेशक पीयूष रंजन, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के निदेशक आरके मीणा और वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के उपनिदेशक महेश कुमार मौजूद रहे। जबकि हिमाचल सरकार के विशेष सचिव एवं निदेशक राजस्व तथा आपदा प्रबंधन डीसी राणा और उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

सड़कें बंद, नहीं मिल पाए टीम से
भारी बारिश से जिला में ग्रामीण इलाकों की अधिकतर सड़कें बंद हैं। सैंज घाटी की मुख्य सड़क लारजी-सैंज-न्यूली भी आवाजाही के लिए दुरूस्त नहीं है। मुश्किल से छोटे वाहनों को निकाला जा रहा है। सड़कों के बंद होने से कई बाढ़ प्रभावित व पीड़ित लोग केंद्रीय टीम से नहीं मिल पाए हैं।

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