राइट न्यूज हिमाचल
जिला कुल्लू में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं से अफरा-तफरी का आलम है। जिले में 4 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं हैं, जिनमें जीवा नाला (सैंज), शिलागढ़ (गड़सा) घाटी, स्नाे गैलरी मनाली और होरनगढ़ बंजार क्षेत्र शामिल हैं। सैंज घाटी में जीवा ट्रेंच वीयर से लगभग 1 किलोमीटर नीचे मझान नाला में बादल फटने से आई बाढ़ के चलते रैला बिहाल क्षेत्र में 4 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस घटना में 3 व्यक्तियों के बाढ़ में बह जाने की सूचना है, जो सामान निकालते समय हादसे का शिकार हो गए। जिला प्रशासन द्वारा राहत, खोज एवं बचाव कार्य जारी है। इसके अतिरिक्त बाढ़ से सैंज बाजार रोड क्षतिग्रस्त हुआ है तथा एक जीप पानी में बह गई है। फ्लैश फ्लड के चलते सियूंड मार्ग को भी नुक्सान हुआ है और एक अस्थायी दुकान बह गई है। सोलंग के पास पलचान रोड भी भूकटाव से ढहने लगा है।
इसी प्रकार गडसा घाटी में हुरला नाला, पचा नाला और मनिहार नाला में भारी जल प्रवाह दर्ज किया गया, जिसके पीछे शिल्लागढ़ क्षेत्र में बादल फटने की आशंका जताई जा रही है। मनाली के अटल टनल मार्ग पर पहले स्रो गैलरी के पास भी फ्लैश फ्लड की घटना हुई है। बंजार उपमंडल के होरनगढ़ क्षेत्र में फ्लैश फ्लड के कारण बंजार-बठाहड़ सड़क पर बना एक छोटा पुल तथा एक वाहन भी बह गया है। होरनगढ़, पटवार सर्कल चैहणी में एक गऊशाला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है और कृषि भूमि को भी नुक्सान पहुंचा है।
वहीं, होरनगढ़ स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में भी पानी और मलबा घुस गया है। पार्वती वैली में ब्रह्मगंगा नदी और तोष नाला में भी बाढ़ आ गई़, जिससे कसोल के पास पार्किंग में लगे कई वाहन बाढ़ में फंस गए। बाद में जलस्तर कम होने पर इन गाड़ियों को वहां से निकाला गया। तोष में पिछले साल भी बाढ़ आई थी और होटलों व अन्य भवनों को नुक्सान हुआ था। अभी तक खड्ड किनारे सुरक्षा दीवार न बनने से फिर से खतरा बढ़ गया है। बरशैणी पंचायत के उपप्रधान लुदर चंद, पूर्व प्रधान टेक चंद, पूर्व प्रधान चुन्नीलाल, पूर्ण ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि जल्दी इस नाले के किनारे सुरक्षा दीवार लगाई जाए।
यहां 40 लाख की लागत से हाल ही में तैयार पुल को खतरा पैदा हाे सकता है।अतिरिक्त उपायुक्त अश्वनी कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन कुल्लू इस आपदा के मद्देनजर पूरी तरह सतर्क है। राहत और बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन की टीमें तैयार हैं। आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में सर्च और रेस्क्यू टीमें तुरंत भेजी जाएंगी, साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी जिला में पूर्व से ही तैनात है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।लाहौल स्पीति प्रशासन का कहना है कि पिछले कल से ही मनाली व इसके आसपास के ऊपरी इलाकाें में लगातार वर्षा हो रही है जिस कारण से ब्यास नदी व इसके सहयोगी नालों का जलस्तर काफी बढ़ गया है तथा लगातार बढ़ रहा है। इसलिए आम जनता व पर्यटकों से सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए प्रशासन ने कहा कि नदी-नालों के आसपास न स्वयं जाएं और न ही अपने वाहन लेकर जाएं, ताकि किसी प्रकार के जानमाल की हानि न हो।
प्रशासन व पुलिस द्वारा जारी गाइडलाइन व दिशा-निर्देशों की पालना सभी लोग सुनिश्चित करें।उधर, काजा से सुमदो की ओर जाने वाला मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। मार्ग पर जलभराव, मलबा तथा भूस्खलन की स्थिति के कारण यात्रा करना असुरक्षित है। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं होम स्टे मालिकों को अलर्ट किया है कि पर्यटकों को यात्रा न करने की सलाह दें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रुकने के लिए प्रेरित करें।
साथ ही स्थानीय निवासियों एवं पर्यटकों से प्रशासन ने अपील की है कि किसी भी स्थिति में अनावश्यक यात्रा से बचें। जिला पुलिस स्थिति पर लगातार निगरानी रख रही है और मार्ग बहाली का कार्य प्रगति पर है। जैसे ही मार्ग सुचारू होगा तो सभी काे सूचित किया जाएगा और तभी सफर करें।