राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के थरास गांव की रहने वाली मीरा देवी (55 वर्ष) की दर्दनाक मौत की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 18 मई को मीरा देवी भुंतर के पास घास काटते समय अचानक पैर फिसलने से ब्यास नदी में गिर गई थीं, जिसके बाद से वह लापता थीं। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने दिन.रात सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन 11 दिनों तक उनको महिला का कोई सुराग नहीं लगा।
इस सब के बीच आज गुरुवार 29 मई को पंडोह डैम में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की नजर पानी में बहते एक शव पर पड़ी। उन्होंने इसकी सूचना पंडोह पुलिस चौकी को दी। सूचना मिलते ही पंडोह पुलिस, मंडी सदर थाना और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची।
एसडीआरएफ की मदद से शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम तथा पहचान के लिए मंडी के जोनल अस्पताल भेजा गया।पुलिस ने शव मिलने की सूचना सभी आसपास के थानों को भेजी थी। जिस पर भुंतर थाना ने जानकारी दी कि 18 मई को एक महिला ब्यास नदी में गिर गई थी, जो आजतक नहीं मिली है। महिला की तलाश की जा रही है।
इसी आधार पर भुंतर पुलिस ने लापता महिला के परिजनों को मृतक महिला की शिनाख्त के लिए जोनल अस्पताल मंडी बुलाया। मीरा देवी के पुत्र रविंद्र सिंह ने शव की पहचान अपनी मां के रूप में की।घटना की पुष्टि करते हुए मंडी की एसपी साक्षी वर्मा ने कहा कि महिला के शव की पुष्टि के बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया और शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
यह महिला 18 मई से लापता थी, जिसकी तलाश की जा रही थी। वहीं मीरा देवी के इस दुखद निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। गांव के लोग भी लगातार खोज अभियान से जुड़े थे और हर दिन किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन जब 11 दिन बाद मीरा देवी का शव मिला, तो पूरे गांव में शोक व्याप्त हो गया।