राइट न्यूज हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के एक होनहार छात्र को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने प्रतिष्ठित सीसीआरटी स्कॉलरशिप से सम्मानित किया है। इस सम्मान को पाने वाला इस वर्ष हिमाचल का यह एकमात्र छात्र है। इस होनहार छात्र को अब 20 साल की आयु या स्नातक की डिग्री पूर्ण होने तक यह स्कॉलरशिप मिलती रहेगी। छात्र की इस उपलब्धि से उसके परिवार और स्कूल में खुशी का माहौल हैंदरअसल यह छात्र हिमाचल के कांगड़ा जिला के धर्मशाला का तेजस है।
जो पांचवी कक्षा में पढ़ता है। इस छात्र ने प्रदेश को गौरविंत किया है। निजी स्कूल में पढ़ रहे पांचवी कक्षा के इस छात्र तेजस को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से प्रतिष्ठित सीसीआरटी स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया है। तेजस को यह सम्मान लोक संगीत के क्षेत्र में मिला है और वह इस साल इस सम्मान को पाने वाला हिमाचल का एकमात्र छात्र है।तेजस धर्मशाला स्थित संगीतांजलि कला केंद्र के छात्र हैं, जहां वह पिछले दो वर्षों से लोक गायन का विधिवत प्रशिक्षण ले रहे हैं।
यह स्कॉलरशिप उन्हें न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत के वाहक के रूप में उनके सफर को भी मजबूती देगी।तेजस के संगीत यात्रा की शुरुआत उनके स्कूल शिक्षक अक्षय कुमार से हुई, जिन्होंने उन्हें संगीत की पहली बुनियादी समझ दी। इसके बाद तेजस ने प्रसिद्ध संगीत प्रशिक्षक डॉ जनमेजय गुलेरिया के मार्गदर्शन में शास्त्रीय और लोक संगीत में गहराई से प्रशिक्षण प्राप्त किया।
डॉ गुलेरिया ने जानकारी दी कि तेजस संगीतांजलि कला केंद्र के 12वें छात्र हैं जिन्हें यह राष्ट्रीय स्कॉलरशिप मिली है। इसके साथ ही वह पूरे प्रदेश में इस सम्मान को प्राप्त करने वाले सातवें छात्र हैं।तेजस का परिवार हमेशा उनकी प्रतिभा के पीछे एक मजबूत आधार रहा है। उनके पिता रितेश शर्मा दिल्ली में एक एडवोकेट हैं, जबकि माता पूजा शर्मा टांडा मेडिकल कॉलेज में बतौर नर्स कार्यरत हैं।
व्यस्त जीवन के बावजूद दोनों ने तेजस की कला में रुचि को पहचानते हुए हरसंभव सहयोग दिया।तेजस ने हाल ही में आयोजित हुए वॉयस ऑफ हिमाचल संगीत प्रतियोगिता में अपनी दमदार प्रस्तुति से शीर्ष सात प्रतिभागियों में स्थान बनाया। इसके उपलक्ष्य में उन्हें धर्मशाला के सिद्धबाड़ी स्थित विद्यालय में अतिरिक्त उपायुक्त शिल्पी बेक्टा द्वारा विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया।संस्कृति मंत्रालय की सीसीआरटी स्कॉलरशिप के अंतर्गत तेजस को 20 वर्ष की आयु या स्नातक की पढ़ाई पूर्ण होने तक नियमित आर्थिक सहायता दी जाएगी।
यह छात्रवृत्ति न केवल प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि भारत की लोक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाती है।
तेजस की यह उपलब्धि हिमाचल प्रदेश के लिए न केवल एक व्यक्तिगत गौरव की बात है, बल्कि यह प्रदेश के अन्य छात्रों के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल बनकर सामने आई है। उनके संगीत कौशल और समर्पण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिभा राष्ट्रीय मंचों तक पहुंच सकती हैए बशर्ते सही मार्गदर्शन और परिवार का साथ मिले।