राईट न्यूज / ऊना
13 करोड़ के जीएसटी फर्जीवाड़े में राज्य कर और आबकारी विभाग ने गगरेट की एक फर्म की चल संपत्ति को नीलाम कर दिया है। नीलामी प्रक्रिया गगरेट में पीठासीन अधिकारी एसडीएम गगरेट की अध्यक्षता में हुई। मामले में 30.40 करोड़ की वसूली की जानी थी। इसके लिए तीन माह का नोटिस दिया था। दावा किया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में इस तरह की यह पहली कार्रवाई है।
राज्य कर और आबकारी विभाग ऊना ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद नीलामी प्रक्रिया अपनाई। नियमानुसार कमेटी ने फर्म के परिसर में चल संपत्तियों की नीलामी करवाई। इसमें करीब 50 लाख की राशि एकत्रित की गई। हालांकि, अभी कुछ और संपत्ति नीलाम होना बाकी है। फर्म की ओर से नीलामी प्रक्रिया की समाप्ति के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ से स्टे भी पेश किया गया।
स्टे की प्रक्रिया समाप्ति के बाद पेश होने के बाद अब विभाग इस मामले को लेकर कानूनी राय भी ले रहा है। कर एवं आबकारी विभाग ऊना ने गगरेट स्थित एक फर्म को गलत तरीके से तीन अन्य फर्जी फर्मों से अपने लिए खरीद दिखाकर टैक्स चोरी के मामले में 4 करोड़ 35 लाख, 90 हजार रुपये ब्याज के साथ 13 करोड़ 2 लाख 41 हजार अस्वीकार्य आईटीसी और इतनी ही जुर्माना राशि सहित कुल लगभग 30 करोड़ 40 लाख 72355 राशि वसूल करने की बात कही है।
विभागीय निरीक्षण के दौरान पाया गया था कि जीएसटी पोर्टल से गगरेट की एक फर्म अनुचित तरीके से फर्जी फर्मों से अपने लिए खरीद दिखा रही है जो भौतिक रूप से अस्तित्व में थी ही नहीं। इस तथ्य को फर्म के सीईओ ने शपथ पत्र देकर कबूल कर लिया है कि यह तीनों फर्में उन्होंने अनुचित रूप से आईटीसी का लाभ लेने के लिए पंजीकृत करवाई हैं।
जांच के दौरान एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया था कि फर्जी तीनों फर्मों के एक निदेशक के नाम पर भूमि क्रय की गई, जिसकी जानकारी निदेशक को भी नहीं थी। संयुक्त आयुक्त राज्य कर और आबकारी मध्यम प्रवर्तन क्षेत्र ऊना राकेश भारतीय ने बताया कि इस मामले में नियमानुसार नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई है।