राईट न्यूज / शिमला
आईजीएमसी शिमला में आए मरीज़ की दिल की खून की तीनो नसो में रुकावट थी।
रुकावट का मुख्य कारण था की नस्सों में अत्यधिक मात्रा में कैल्सीयम जमा हो गया था जिसकी वजह से उस मरीज़ को हार्ट अटैक हुआ था और अधिक कैल्सीयम की वजह से नाड़िया सख़्त हो चुकी थी और रुकावट को केवल बाइपास आपरेशन से ही खोला जा सकता था ।
मरीज़ का शरीर आपरेशन करने के लिए फ़िट नहीं था ऐसी स्थिति में आईजीएमसी के कार्डीआलोजी विभाग के डॉक्टर कुणाल महाजन ने कार्यकुशलता का परिचय देते हुए एक अत्यंत गंभीर और दुर्लभ बीमारी का इलाज एक अत्याधुनिक तकनीक से उस मरीज़ का इलाज किया। इस तकनीक को IVL( INTRAVASCULAR LITHOTRIPSY) कहते हैं।
यह अपनी तरह का पहला और अनोखा आपरेशन है जो हिमाचल में किया गया है।
यह आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किया है।
जिस पर साढ़े तीन लाख रुपये का व्यय हुआ है
और मरीज़ को यह इलाज निशुल्क प्रदान किया गया है।
IVL INTRAVASCULAR LITHOTRIPSY का मतलब खून की धमनी के अंदर पत्थर को तोड़ना
अत्यधिक मात्रा में कैल्सीयम जमा हो जाने से खून के नस के अंदर पथरीनुमा रुकावटें बन गयी थीं